Shaheed Diwas: आज शहीद दिवस है. भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के तीन महान क्रांतिकारियों भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु को 23 मार्च, 1931 को पंजाब के हुसैनीवाला (अब पाकिस्तान में) में फांसी दी गई थी. उन्हीं की याद में आज शहीद दिवस मनाया जाता है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को श्रद्धांजलि अर्पित की है. Shaheed Diwas
पीएम मोदी ने एक वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ आजादी के क्रांतिदूत अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीदी दिवस पर शत-शत नमन. मां भारती के इन महान सपूतों का बलिदान देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा. जय हिंद. शहीद दिवस.’’
आजादी के क्रांतिदूत अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीदी दिवस पर शत-शत नमन। मां भारती के इन महान सपूतों का बलिदान देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। जय हिंद! #ShaheedDiwas pic.twitter.com/qs3SqAHkO9
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2021
बता दें कि वर्ष 1931 में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च को ही अंग्रेजों ने फांसी दी थी. उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और कई युवाओं को क्रांतिकारी पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया था. Shaheed Diwas
भगत सिंह की प्रेरक कहानी
27 सितंबर, 1907 को पंजाब के बंगा गांव में जारणवाला (अब पाकिस्तान में) में जन्मे भगत सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार में पले-बढ़े थे. उनके चाचा सरदार अजीत सिंह और उनके पिता (किशन सिंह) महान स्वतंत्रता सेनानी थे. गदर आंदोलन ने उनके दिमाग पर एक गहरी छाप छोड़ी थी. 19 साल की छोटी उम्र में फांसी पर चढ़ा करतार सिंह सराभा, भगत सिंह का हीरो बन गया था. 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार ने भगत सिंह को अमृतसर जाने के लिए प्रेरित किया. Shaheed Diwas
भगत सिंह ने साफ-साफ इंकार कर दिया और अपने माता पिता से कहा कि अगर मेरी विवाह गुलाम-भारत में ही होनी है, तो मेरी दुल्हन केवल मेरी मृत्यु ही होगी. Shaheed Diwas
अंग्रेजी शासन की हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए उन्होंने ‘पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्ट्रीब्यूट बिल’ के विरोध में सेंट्रल असेंबली में बम फेंके थे. इसके बाद भगत सिंह के साथ राजगुरु और सुखदेव को गिरफ्तार कर लिया गया और फांसी की सजा दे दी गई. Shaheed Diwas