दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ करीब दो महीने से विरोध प्रदर्शन चल रहा है जिसकी वजह से नोएडा फरीदाबाद जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया था लेकिन शनिवार शाम को एक राहत की खबर सामने आई. शाहीन बाग में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने शनिवार शाम बाइक और कार वालों के लिए एक रास्ता खोल दिया है.
गुटों में बंटे प्रदर्शनकारी
हालांकि, बाद में गुटबाजी की वजह से रास्ता बंद कर दिया गया था. इसके बाद फिर एक गुट ने लोगों को थोड़ा रास्ता खोल दिया. बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों का कुछ गुट रास्ता खुलवाने के पक्ष में है तो कुछ गुट इसके विरोध में है. डीसीपी साउथ ईस्ट के अनुसार, शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने महज कुछ मिनट के लिए कालिंदी कुंज से ठोकर नंबर 9 शाहीन बाग प्रदर्शन साइट के पास का रोड खुलवाया था, जिसे शाहीन बाग के ही दूसरे प्रदर्शनकारियों ने बंद करवा दिया लेकिन बाद में प्रदर्शनकारियों ने बाइक और कार वालों के लिए थोड़ा-सा खोल दिया है.
प्रदर्शनकारियों ने नोएडा से फरीदाबाद जाने वाला रास्ता खुलवाया. इस रास्ते को बाइक और कार वालों के लिए खुलवाया गया है. 9 नंबर सड़क के बैरिकेड एक तरफ से हटा दिया गया है. यह रास्ता ओखला, जामिया की तरफ से आते हुए नाले के रास्ते बाहर वाली कालिंदी कुंज मेट्रो स्टेशन की तरफ जाता है. वहां से लोग बाएं हाथ की तरफ मुड़े तो नोएडा की तरफ जा सकते हैं, लेकिन आश्रम, ओखला जामिया होते हुए कोई नोएडा क्यों जाएगा.
किसे मिली राहत
इस रास्ते के खुलने से सिर्फ ओखला जामिया में रहने वाले लोगों को ही फायदा होगा. नोएडा से ट्रैफिक दिल्ली अभी भी नहीं आ सकता है. कुल मिलाकर जो बैरिकेड हटाया गया है उससे प्रदर्शनकारियों को ही राहत मिलेगी होगी. आम पब्लिक अभी भी परेशान रहेगी. हालांकि, रोड नंबर 13 अभी भी बंद है. एक बार रास्ता खोलने और फिर बंद करने के प्रकरण में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी एक्सप्रोज हो गए हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वैकल्पिक रास्ता पुलिस ने रोक रखा है, लेकिन प्रदर्शनकारियों के एक धड़े ने आज जब रास्ता खोला तो दूसरे धड़े ने बंद करवा दिया. इससे साफ हो गया कि इन रास्तों पर पूरा अवैध कब्जा इन्हीं प्रदर्शनकारियों का है.
प्रदर्शनकारियों से मिलीं सुहासिनी मुले
इससे पहले बॉलीवुड अभिनेत्री सुहासिनी मुले शनिवार देर शाम शाहीन बाग में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों से मिलने पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर उनका दर्द जाना. उन्होंने कहा कि मैं आपका समर्थन करती हूं. सुहासिनी मुले नेशनल अवॉर्ड विनर हैं.