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किसान विरोधी कृषि कानून रद्द किया जाए, अगर नहीं तो होगी खूनी क्रांति: शंकर सिंह वाघेला

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गांधीनगर: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले 44 दिनों से नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

इस बीच गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला ने इस प्रदर्शन को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है. Shankar Singh Vaghela Agricultural Law

शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार अहम और अहंकार में चल रही है. अगर सरकार तीनों किसान विरोधी काले कानूनों को रद्द नहीं करती तो खूनी क्रांति होगी.

केंद्र की मोदी सरकार को बताया अंहकारी Shankar Singh Vaghela Agricultural Law

शंकर सिंह वाघेला ने आगे कहा कि पिछले कई दिनों से केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीनों किसान विरोधी काले कानूनों के विरोध में विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली की सीमा पर टेंट लगाकर कड़ाके की ठंड में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. Shankar Singh Vaghela Agricultural Law

ठंड के कारण 60 से अधिक किसान शहीद हो चुके हैं, बावजूद इसके सरकार गंभीरता नहीं दिखा रही.

सरकार को किसान विरोधी काले कानूनों को निरस्त करना चाहिए और यदि निरस्त नहीं किया गया तो मैं आने वाले दिनों में किसानों द्वारा खूनी क्रांति का एक दृश्य देखा जाएगा.

सरकार की नीयत नहीं साफ आंदोलने को दबाने की कोशिश Shankar Singh Vaghela Agricultural Law

किसानों की मांग को वाजिब ठहराते हुए वाघेला ने कहा कि सरकार समर्थन मूल्य की घोषणा करती है लेकिन उत्पादन के मुकाबले सरकारी मशीनरी द्वारा बहुत कम खरीद की जाती है.

केंद्र सरकार की नीति और नीयत ठीक नहीं इसलिए सरकार किसानों के आंदोलन को दबाना चाहती है. Shankar Singh Vaghela Agricultural Law

दूसरे राज्यों के किसान जो किसानों के आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं ऐसे किसानों को हिरासत में लिया जा रहा है.

गुजरात कांग्रेस का साथ छोड़ने के बाद शंकर सिंह वाघेला बिल्कुल अकेले पड़ गए हैं. इसलिए वह किसानों के बहाने मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं.

लेकिन गुजरात की सियासत को जानने वाले लोग कई बार देख चुके हैं कि वाघेला भाजपा का खुलकर साथ दे चुके हैं. Shankar Singh Vaghela Agricultural Law

ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि शंकर सिंह वाघेला को किसानों की आवाज उठाने पर किस हद तक सियासी फायदा होगा.

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