एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. शरद पवार ने कहा है कि नेताओं को मतदाताओं का महत्व न समझने की भूल नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे शक्तिशाली नेताओं को भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पिछले साल के विधानसभा चुनाव के दौरान ‘मी पुन: येन’ (मैं दोबारा आउंगा) के राग की आलोचना करते हुए पवार ने कहा कि मतदाताओं ने सोचा कि इस रुख में अहंकार की बू आ रही है और महसूस किया कि इन्हें सबक सिखाया जाना चाहिए. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने शिवसेना नेता और पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के कार्यकारी संपादक की तरफ से लिए गए एक साक्षात्कार में ये बातें कहीं हैं.
पवार ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे नीति सत्तारूढ़ महा विकास आघाड़ी के सहयोगियों- शिवसेना, NCP और कांग्रेस में मतभेदों की खबरों में ‘‘रत्ती भर भी सच्चाई” नहीं है. तीन हिस्सों वाली साक्षात्कार सीरीज़ का पहला अंश मराठी दैनिक में शनिवार को प्रकाशित किया गया है. यह पहली बार है जब किसी गैर शिवसेना नेता को पार्टी के मुखपत्र में मैराथन साक्षात्कार सीरीज़ में जगह दी गई हो. अब तक इसने दिवंगत बाल ठाकरे और उद्धव ठाकरे के ही साक्षात्कार प्रकाशित किए हैं.
राज्य में पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार को लेकर पूछे गए सवाल पर पवार ने कहा, “लोकतंत्र में आप यह नहीं सोच सकते कि आप हमेशा के लिए सत्ता में रहेंगे. मतदाता इस बात को बर्दाश्त नहीं करेंगे कि उन्हें महत्व नहीं दिया जा रहा. मजबूत जनाधार रखने वाले इंदिरा गांधी और अटल बिहार वाजपेयी जैसे शक्तिशाली नेता भी हार गए थे.” उन्होंने आगे कहा कि इसका मतलब है कि लोकतांत्रिक अधिकारों के लिहाज से आम आदमी नेताओं से ज्यादा बुद्धिमान है. अगर हम नेता सीमा पार करते हैं तो वे हमें सबक सिखाएंगे. इसलिए लोगों को यह रुख पसंद नहीं आया कि हम ही सत्ता में लौटेंगे.
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