कांग्रेस नेता शशि थरूर (Shashi Tharoor) अपने बेबाक अंग्रेजी के लिए मशहूर हैं. फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाले थरूर केंद्र सरकार को अपने खास अंदाज में घेरने की कोशिश करते रहे हैं. एकबार फिर थरूर (Shashi Tharoor) ने केंद्र की मोदी सरकार पर व्यंगातम तंज कसा है.
सरकार द्वारा लॉकडाउन में की गई लापरवाही का हवाला देते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने तंज कसा है और ट्वीट करते हुए सरकार को नो डाटा अवेलेबल कहा है. थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा है कि सरकार से कुछ भी पूछों उसका जवाब डाटा मौजूद नहीं होता है.
थरूर (Shashi Tharoor) ने एक ट्वीट में NDA ‘No Data Available’ बताने वाला एक कार्टून शेयर किया और इसके साथ लिखा, ‘प्रवासी मजदूरों पर कोई डेटा नहीं है, किसानों की आत्महत्या पर भी कोई डेटा नही है. फिस्कल स्टीमुलस पर गलत डेटा है, कोविड से हुई मौतों पर भी भ्रामक डेटा है, जीडीपी ग्रोथ को लेकर कोई साफ डेटा नहीं है- इस सरकार ने NDA टर्म की परिभाषा ही बदल दी है.’
No #data on migrant workers, no data on farmer suicides, wrong data on fiscal stimulus, dubious data on #Covid deaths, cloudy data on GDP growth — this Government gives a whole new meaning to the term #NDA! pic.twitter.com/SDl0z4Hima
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) September 22, 2020
मालूम हो कि कोरोना महामारी से जूझ रहे देश में संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने लॉकडाउन लगाया था. इस लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के बड़ी संख्या में रोजगार छूटे, उनकी मौतें हुईं और कई बेघर हो गए लेकिन सरकार के पास इन सभी के कोई भी आंकड़े मौजूद नहीं हैं.
लॉकडाउन में ट्रेन में मृत्यु की जानकारी
लॉकडाउन में वापस अपने-अपने गृह राज्यों की ओर लौटन के दौरान मारे गए प्रवासियों की संख्या नहीं रखने के लिए विरोध का सामना करने के बाद सरकार ने राज्यसभा को सूचित किया. सरकार के मुताबिक, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 97 लोगों की मौत हुई. मजदूरों को उनके राज्यों तक पहुंचाने के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेनें चलाई गई थीं.
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टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन द्वारा शुक्रवार को पूछे गए एक प्रश्न के लिखित जवाब में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘राज्य पुलिस द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के आधार पर कोविद-19 संकट के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में यात्रा करते समय 09.09.2020 तक 97 लोगों की मौत हो चुकी है.’
संसद के ऊपरी सदन में आंकड़ों को साझा करते हुए मंत्री ने कहा कि मौत के 97 मामलों में से राज्य पुलिस ने 87 मामलों में पोस्टमार्टम के लिए शव भेजे। 51 मामलों की ऑटोप्सी रिपोर्ट के अनुसार, दिल का दौरा/हृदय रोग/मस्तिष्क रक्तस्राव/पूर्व-मौजूदा पुरानी बीमारी/पुरानी फेफड़ों की बीमारी/पुरानी जिगर की बीमारी आदि मौतों का कारण है.