अक्सर अपने बयान के लिए सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) एकबार फिर चर्चा में हैं. इस बार उन्होंने देश के दुश्मन के सामने देश को बदनाम करने वाला बयान दिया है, जिसे लेकर विवाद खड़ा हो गया है. शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने पाकिस्तान (Pakistan) में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा है कि भारत में मुसलमानों और उत्तर पूर्व के लोगों के साथ भेदभाव होता है.
उधर कांग्रेस (Congress) नेता के बयान को लेकर बीजेपी ने हमला बोला है. भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने शशि थरूर के बयान को आड़े हाथों लिया है.
‘शशि थरूर ने भारत का मजाक बनाया’
बीजेपी (BJP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा,
‘शशि थरूर ने भारत का मज़ाक बनाया है, भारत को बहुत ही खराब दृश्य से दिखाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि भारत की सरकार कोविड के मैनेजमेंट में कहीं कहीं फेल हो रही है. भारत की मीडिया पोल के जरिए दिखा रही है कि जनता-जर्नादन मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट है.‘
पात्रा ने आगे कहा, ‘कोविड को लेकिर पूरा विश्व देख रहा कि हिंदुस्तान को मोदी जी ने किस प्रकार से सुरक्षित रखा, समय से लॉकडाउन हुआ, किस प्रकार 80 करोड़ लोगों को खाद्यान्न पहुंचाने का काम किया गया और आगे भी छठ पूजा तक चलता रहेगा.’
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क्यों ऐसा बोल गए कांग्रेस नेता
पाकिस्तान में आयोजित एक कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा था कि तब्लीगी जमात की घटना को भारत के मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव को सही ठहराने के लिए इस्तेमाल किया गया.
लाहौर थिंक फेस्ट नाम के कार्यक्रम में शशि थरूर (Shashi Tharoor) ऑनलाइन जुड़े थे और इसी कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भेदभाव बढ़ा है. उन्होंने दिल्ली में हुई तब्लीगी जमात की बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना का इस्तेमाल भारत में मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव को सही ठहराने के लिए किया गया.
शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा,
”एक दूसरे से डर का माहौल बनाया जाता है. मुझे नहीं पता कि आप लोगों में से कितनों ने वो व्हाट्सएप वीडियो देखे हैं जिनमें चीनी लोगों या उनके जैसे दिखने वाले लोगों के साथ पश्चिमी देशों जगह जगह जैसे सुपर मार्केट, रेस्टोरेंट में भेदभाव होता है सिर्फ इसलिए कि वो चीनी लोगों जैसे दिखते हैं.”
शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने आगे कहा, ”भारत में हम यही समस्या उत्तर पूर्व के लोगों के साथ देखते हैं क्योंकि वो अलग दिखते हैं. इस तरह के भेदभाव के खिलाफ हम भारत में लड़ाई लड़ रहे हैं” उन्होंने कहा, ”ये भेदभाव कोरोना महामारी के दौरान भी देखा गया. जब तब्लीगी जमात का मुद्दा उठा. पहले लॉकडाउन से ठीक पहले तब्लीगी जमात के लोग जमा हुए थे और ये लोग जब अपने राज्यों में लौटे तो कोरोना का संक्रमण बढ़ा. इस घटना को भारत के मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव को सही ठहराने के लिए इस्तेमाल किया गया.”