मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे साईबाबा के जन्म स्थान को लेकर उत्पन्न विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत करेंगे. यह जानकारी शनिवार शाम को जारी आधिकारिक विज्ञप्ति में दी गई. यह घोषणा ऐसे समय की गई है जब शिरडी के स्थानीय नेताओं ने रविवार को इसके खिलाफ बंद का आह्वान किया है. शिरडी में ही साईबाबा का मंदिर है. महाराष्ट्र के शिरडी में स्थानीय लोगों ने साई बाबा के जन्म स्थान को लेकर उपजे विवाद के बाद रविवार को बंद का आह्वान किया है. हालांकि, साई बाबा मंदिर के न्यासियों ने शनिवार को कहा कि बंद के बावजूद मंदिर खुला रहेगा. शिरडी स्थित साई मंदिर में देशभर के लाखों श्रद्धालु आते हैं.
उल्लेखनीय है कि यह विवाद उस समय पैदा हुआ जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले के पाथरी में साई बाबा जन्मस्थान पर सुविधाओं का विकास करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने की घोषणा की थी. कुछ श्रद्धालु पाथरी को साई बाबा का जन्मस्थान मानते हैं जबकि शिरडी के लोगों का दावा है कि उनका जन्मस्थान अज्ञात है. शिरडी स्थित श्री साईबाबा संस्थान न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने बताया कि बंद के बावजूद मंदिर खुला रहेगा.
दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अपील के बावजूद शिरडी ग्राम सभा ने रविवार को बंद करने का फैसला किया है. सीएम की ओर से साई जन्मभूमि पाथरी शहर के लिए विकास निधि के ऐलान के बाद उठा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री के बयान से शिरडी के लोग नाराज हैं.
19 जनवरी से शिरडी में अनिश्चितकालीन बंद बुलाया गया है. साईं भक्तों का आरोप है कि महाराष्ट्र सरकार आस्था से खिलवाड़ कर रही है. शिरडी में ग्रामीणों और ट्रस्ट से जुड़े लोगों के बीच कई दौर की बैठकों के बाद ये फैसला किया गया है कि रविवार यानि 19 जनवरी से अनिश्चितकालीन बंद किया जाएगा.
स्थानीय भाजपा विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि उन्होंने स्थानीय लोगों द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को साई बाबा का जन्मस्थान पाथरी होने संबंधी बयान को वापस लेना चाहिए.” पूर्व राज्यमंत्री ने कहा, “देश के कई साई मंदिरों में एक पाथरी में भी है. सभी साई भक्त इससे आहत हुए हैं, इसलिए इस विवाद को खत्म होना चाहिए.” कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने शुक्रवार को कहा था कि श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का पाथरी में विकास का विरोध जन्मस्थान विवाद की वजह से नहीं किया जाना चाहिए.
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