नई दिल्ली: शहरों में बढ़ता प्रदूषण न सिर्फ हमारा वर्तमान बल्कि हमारा भविष्य भी खराब कर रहा है. प्रदूषण के कारण बच्चे पैदा होने से पहले ही बीमार होने लगते हैं. हाल ही में साइंटिफिक जर्नल एलीट में छपी एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जंगल की आग से निकलने वाले धुएं का असर आसपास रहने वाली गर्भवती महिलाओं की सेहत पर पड़ता है.
इस प्रकार की समस्या के साथ पैदा होने वाले शिशुओं का वजन कम होता है. रिपोर्ट में बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में धुएं के प्रभाव से बच्चों के सेहत पर पड़ने वाले असर के बारे में बताया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार धुआं के संपर्क में आने के कारण लगभग 90% शिशुओं और महिलाओं का वजन जन्म के समय सामान्य से कम होता है. रिपोर्ट के अनुसार जंगल की आग या पुआल जैसे बायोमास से निकलने वाला धुआं बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.
चीन के पेकिंग यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ साइंसेज में इंस्टीट्यूट ऑफ रिप्रोडक्टिव एंड चाइल्ड हेल्थ के पीएचडी छात्र जियाजियानघुई ली के अनुसार, जन्म के समय कम वजन वाले बच्चों में सामान्य बच्चों की तुलना में आजीवन बीमारियां होने की संभावना अधिक होती है. इसके अलावा कई अध्ययनों ने स्पष्ट रूप से दिखाया है कि धुएं की वजह से बच्चों के फेफड़ों और हृदय पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है. ये प्रदूषक अत्यंत संवेदनशील गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालते हैं.
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