अहमदाबाद: तीस्ता सीतलवाड़ को लेकर एसआईटी के खुलासे के बाद सियासत गर्म हो गई है. बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने आ गई हैं. बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने दावा किया है कि तीस्ता सीतवाड़ ने जो कुछ भी किया वो कांग्रेस के कहने पर किया. इस खुलासे के बाद गुजरात सरकार के प्रवक्ता जीतू वघाणी ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर वार किया.
राज्य सरकार के मंत्री जीतू वघाणी ने कहा कि 2002 के दंगों के दौरान, असंतुष्टों ने पीएम मोदी को बदनाम करने के लिए आरोप लगाया था. दंगा से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा था कि गलत करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. भूपेंद्र पटेल की सरकार ने एक एसआईटी का गठन किया और तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ मामले की जांच की, बीती शाम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में जो तथ्य सामने आया है वह चौकाने वाला है.
जीतू वघाणी ने कहा कि गुजरात इस साजिश से बच गया और नरेंद्र मोदी पर विश्वास बनाए रखा. तिस्ता गिरोह और कांग्रेस को उनका समर्थन दुखद है. सोनियाजी और दिवंगत अहमद पटेल ने जिस तरह से साजिश रची, वह वाकई हैरान करने वाला है. अहमद पटेल ने तीस्ता को सरकार की छवि खराब करने और बदनाम करने के लिए 30 लाख रुपये की किस्त दी. कोर्ट ने कहा कि सरकार की कोई सुनियोजित साजिश नहीं थी.
क्या है एसआईटी का दावा
गुजरात एसआईटी ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ अपने हलफनामे में बड़ा खुलासा कर हड़कंप मचा दिया है. कोर्ट में 12 पन्नों के हलफनामे में मोदी सरकार को साजिश के तहत गिराने का खुलासा किया है. यह हलफनामा विशेष लोक अभियोजक अमित पटेल ने कोर्ट में पेश किया है. जिसमें कहा गया है कि तीस्ता सीतलवाड़ ने पैसे मांगे और आर्थिक लाभ लिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और दिवंगत अहमद पटेल से भी मुलाकात का जिक्र है. इसमें कहा गया है कि गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गलत तरीके से फंसाया गया है. इस साजिश के चलते तीस्ता सीतलवाड़ और श्री कुमार को जमानत नहीं दी जानी चाहिए.
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