गांधीनगर: गुजरात गौण सेवा पसंदगी बोर्ड की ओर से ली गई हेड क्लर्क परीक्षा पेपर लीक मामले का खुलासा कर सुर्खियों में बने छात्र नेता युवराज सिंह ने एक और बड़ा खुलासा किया है. युवराज सिंह ने दावा किया है कि ऊर्जा विभाग की भर्ती में भी अनियमितता बरती गई थी.
छात्र नेता ने कहा कि 2021 में ऊर्जा विभाग की विभिन्न भर्तियों में अनियमितता बरती गई है. इस पूरे घोटाले में महाराष्ट्र की NSCIT नाम की कंपनी के लोग शामिल हैं. कंपनी से जुड़े लोगों ने एक पेपर के लिए 21 लाख रुपया वसूला था. कंपनी से जुड़े लोग उम्मीदवार से पहले लाख रुपया एडवांस लेते थे. जबकि शेष भुगतान चयन के बाद करने को कहा जाता था.
इस घोटाले का केंद्र गुजरात का अरावल्ली, बनासकांठा, मेहसाणा और साबरकांठा जिले हैं. बायड में ट्यूशन क्लास चलाने वाले अजय पटेल पूरे घोटाले को चला रहा है. छात्र नेता युवराज सिंह ने दावा करते हुए कहा कि अन्य परीक्षा के लिए भी अजय पटेल पैसों का भुगतान किया था.
किसने फायदा उठाया?
युवराज सिंह ने कहा कि धवल पटेल, कुशांग पटेल, हितेश पटेल, रजनीश पटेल, प्रियम पटेल, आंचल पटेल, राहुल पटेल, प्रदीप पटेल, बाबूभाई पटेल, जिगिशा पटेल और ध्रुव पटेल इसमें शामिल हैं.
ऊर्जा विभाग की भर्ती में पिछले 3 साल से अनियमितता बरती जा रही है. इसी क्रम में समान अंक आए हैं. साथ ही एक ही गांव से 18 लोगों को नियुक्त किया गया, जो असंभव है. PGVCL, DGVCL, UGVCL में भर्ती परीक्षा ऑनलाइन आयोजित की जाती है. जिसमें कंट्रोल रूम से कंप्यूटर हैक कर जवाब दिए जाते हैं. मेरे पास सभी सहायक साक्ष्य के रूप में ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग हैं.
ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली एजेंसी भी पूरे घोटाले में शामिल है. वडोदरा में ऊर्जा विकास निगम के अधिकारियों के घोटाले की जांच होनी चाहिए. इसके अलावा, छात्र नेता ने स्पष्ट किया कि हम छात्र के हित को ध्यान में रखते हुए खुलासा कर रहे हैं. युवराज सिंह ने इन तमाम मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग की है.
राज्य सरकार ने युवराज सिंह के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं. ऊर्जा विभाग की ममता वर्मा के नेतृत्व में जांचे का आदेश दिया जाएगा. मामले की जांच के लिए कमेटी बनाई जाएगी.
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