Supreme Court ने शुक्रवार को एक व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि अश्लील वीडियो बनाना किसी पति को उसकी पत्नी पर क्रूरता करने का अधिकार नहीं देता. शख्स पर उसकी पत्नी के साथ क्रूरता का आरोप लगाया गया है. Supreme Court
उस शख्स ने अपने बचाव में दावा किया कि उसकी पत्नी ने 300 अश्लील वीडियो बनाये थे, जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया. Supreme Court
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मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और वी रामसुब्रमण्यन की पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा कि उसका मुवक्किल एक क्रूर व्यक्ति है और उसे अदालत से किसी राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. Supreme Court
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उसका मुवक्किल क्रूर नहीं था और उसने कोई क्रूरता नहीं की है. इस पर कोर्ट ने कहा कि उनकी पत्नी ने अपनी शिकायत में उसे क्रूर बताया है. Supreme Court
राजस्थान के व्यक्ति की दी है अर्जी
राजस्थान के इस शख्स के खिलाफ उसकी पत्नी ने एफआईआर दर्ज कराई थी जिसके लिए उसने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. Supreme Court
याचिकाकर्ता के वकील ने दावा किया कि पत्नी ने कथित तौर पर 300 टिक-टॉक वीडियो बनाए हैं, जो अश्लील हैं. पीठ ने कहा इसपर कहा, इसका मतलब यह नहीं है कि पुरुष को अपनी पत्नी पर किसी भी तरह की क्रूरता करनी चाहिए. अगर उसने ऐसा किया है, तब भी आप उसके साथ ऐसा दुर्व्यवहार नहीं करेंगे. मुख्य न्यायाधीश ने जवाब दिया, आप उसे तलाक दे देते, यदि आप साथ नहीं रह सकते, क्रूरता की कोई आवश्यकता नहीं है.