सुप्रीम कोर्ट ने होटल , रिजॉर्ट्स को आइसोलेशन सेंटर और प्रवासी मजदूरों के लिए शेल्टर होम की तरह इस्तेमाल किए जाने की मांग वाली अर्जी खारिज कर दी है. अर्जी में कहा गया था कि मौजूदा शेल्टर होम में सैनिटेशन की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस समय लाखों लोग लाखो आईडिया के साथ आ रहे है. हम सबको सुन नहीं सकते. सरकार को सभी तरह की मांगों पर विचार के लिए नहीं बोल सकते. तुषार मेहता ने कहा कि राज्य सरकार ज़रूरत के मुताबिक बिल्डिंग , होटल स्कूल का इस्तेमाल कर रही है .कोर्ट से किसी खास निर्देश की ज़रूरत नहीं है.
याचिकाकर्ता की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये दलीले रखी. सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने इन दलीलो का विरोध किया. कोर्ट कहा कि इस तरह की PIL बन्द होनी चाहिए.
कुछ लोग एसी कमरों में बैठ कर PIL की दुकान चलाते हैं. सरकार खुद मज़दूरों की हालात के मद्देनजर ज़रूरी कदम पर विचार कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमारी चिंता मुश्किल की इस घड़ी में असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले प्रवासी मज़दूरों की स्थिति को लेकर है.आप जवाब दाखिल करें.