नए कृषि कानून का विरोध करने वाले किसानों के आंदोलन का आज 47 वां दिन है. इस बीच किसान प्रदर्शन और तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने वाली याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.
इससे पहले होने वाली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जज मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले को लेकर दाखिल तमाम याचिकाओं पर कोर्ट एक साथ सुनवाई करेगा.
मामले की अगली सुनवाई सोमवार यानी आज होगी. Supreme Court Farmers Movement
किसान आंदोलन की वजह से बढ़ सकता है कोरोना
तबलीगी जमात मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से किसानों के आंदोलन को लेकर कई सवाल पूछे.
कोर्ट ने सवाल करते हुए कहा कि आंदोलन करने वाले किसान क्या कोरोना दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं.
इतना ही नहीं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबड़े ने कहा कि हमारी जानकारी में नहीं है कि आंदोलनरत किसान कोरोना से सुरक्षित हैं या नहीं.
अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो तबलीगी जमात की तरह ही दिक्कत हो सकती है.
8वें दौर की बातचीत बिना किसी निष्कर्ष के खत्म Supreme Court Farmers Movement
बीते दिनों राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में कृषि कानूनों के मसले पर सरकार और किसान संगठनों के बीच आठवें दौर की बातचीत भी बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त हो गई.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में एक बार फिर सरकार ने किसान नेताओं के सामने कानून में संशोधन का प्रस्ताव रखा. Supreme Court Farmers Movement
सरकार की ओर से कहा गया कि कानून वापस नहीं ले सकते क्योंकि काफी किसान इसके पक्ष में हैं. वहीं किसान नेता कानून रद्द करने की मांग दुहराते रहे. अब अगली बैठक 15 जनवरी को होगी.
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लागू तीनों नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. किसान और सरकार के बीच ठनी रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही.
राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे किसान पिछले 47 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. Supreme Court Farmers Movement
एक तरफ किसान जहां कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं वहीं दूसरी तरफ सरकार बातचीत के जरिए मामले का कोई बीच का हल निकालने की कोशिश कर रही है.
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