अहमदाबाद: गुजरात की कुछ कोविड अस्पताल में लगने वाली आग की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को फटकार लगाते हुए जवाब तलब किया गया था. Supreme Court Gujarat Government
सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार की ओर से दाखिल हलफनामे में कहा गया कि सरकार ने 328 फायर सेफ्टी अधिकारियों को नोडल अफसर के रूप में नियुक्त किया गया है.
गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के दलील के सामने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एम. आर. शाह ने कहा कि 204 अस्पतालों में से 61 के पास एनओसी नहीं है.
इसके जवाब में मेहता ने कहा, “हम यह भी नहीं दिखाना चाहते कि सब कुछ ठीक है.”
मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी Supreme Court Gujarat Government
न्यायमूर्ति एम. आर. शाह ने कहा, अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों की सुरक्षा का क्या? सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, “हम इन अस्पतालों को बंद नहीं कर सकते.”
हम अस्पताल को बंद कराने के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन उपचारात्मक कार्रवाई के बारे में बात कर रहे हैं. मामले में अगली सुनवाई अगले शुक्रवार को होगी.
इससे पहले, केंद्र सरकार ने कहा था कि कुछ राज्य फायर सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर रही है. कानूनी अधिकारी ने अदालत को बताया, “कई राज्यों को 4 दिसंबर को हमें रिपोर्ट सौंपनी थी लेकिन देरी के कारण हम रिपोर्ट नहीं दे सके.” Supreme Court Gujarat Government
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार पर हलफनामे में तथ्यों को दबाने का आरोप लगाया था और इस मुद्दे पर सही तथ्यों के साथ एक नया हलफनामा पेश करने का आदेश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने राजकोट के उदय शिवानंद अस्पताल में आग लगने के मुद्दे पर गुजरात सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था. इस घटना में 6 मरीजों की मौत हो गई थी. Supreme Court Gujarat Government
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