कोरोना महामारी की वजह से लागू की गई तालाबंदी के दौरान अगर सबसे ज्यादा कोई वर्ग परेशान हुआ था तो वह है प्रवासी मजदूर. प्रवासी मजदूरों को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी राज्य जुलाई 2021 तक वन नेशन वन राशन योजना को लागू करें. इतना ही नहीं मामले की सुनवाई कोर्ट हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों को प्रवासी मजदूरों के लिए सूखा राशन वितरण करने के लिए एक योजना लानी चाहिए. Supreme Court One Nation One Ration Card
प्रवासी मजदूरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अशोक भूषण और एम आर शाह की अगुवाई वाली बेंच ने प्रवासी मजदूरों को लेकर आज महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हर राज्य अनिवार्य तौर पर वन नेशन वन राशन कार्ड की स्कीम लागू करें. जिसकी वजह से प्रवासी मजदूर देश के किसी भी राज्य में अपने राशन कार्ड से सरकारी स्कीम का फायदा उठा सकें. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारों को प्रवासी मजदूरों के लिए महामारी के अंत तक सामुदायिक रसोई भी चलानी चाहिए. Supreme Court One Nation One Ration Card
31 जुलाई तक सभी राज्य लागू करें वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम Supreme Court One Nation One Ration Card
कोर्ट ने श्रम और रोजगार मंत्रालय की ओर से प्रवासी मजदूरों का डेटा तैयार करने में लापरवाही भरे रवैये को लेकर सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि मंत्रालय का लापरवाह रवैया अक्षम्य है. पोर्टल पर प्रवासी मजदूरों के डेटा को डालने में की जा रही देरी यह दर्शाती है कि केंद्र सरकार प्रवासियों को लेकर चिंतित नहीं है. Supreme Court One Nation One Ration Card
गौरतलब है कि पिछले साल कोरोना की वजह से लागू की गई तालाबंदी से परेशान प्रवासी मजदूरों को होने वाली परेशानी के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 24 मई को होने वाली सुनवाई में मजदूरों के पंजीकरण में होने वाली देरी को लेकर केंद्र सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की थी. इतना ही नहीं कोर्ट ने लेबर रजिस्ट्रेशन स्कीम को लेकर होने वाले स्टेटस रिपोर्ट को भी तलब किया था. Supreme Court One Nation One Ration Card
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