सूरत: सूरत नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बरसों पुराने एक मंदिर को गिरा दिया है. मंदिर तोड़े जाने को लेकर सियासत गरमा गई है. नगर निगम के इस फैसले का लोग जमकर विरोध कर रहे हैं. सूरत शहर के कपोद्रा इलाके में विकास के रास्ते में रोड़ा बने सालों पुराने रामदेवपीर मंदिर को भारतीय जनता पार्टी शासित सूरत नगर निगम के अधिकारियों ने जमींदोज कर दिया है.
सूरत के कपोद्रा इलाके में सालों पुराने मंदिर को गिराने के लिए सूरत नगर निगम के अधिकारी पहुंचे थे. मंदिर गिराए जाने की खबर मिलते ही स्थानीय लोग जमा हो गए और मंदिर तोड़े जाने का विरोध करना शुरू कर दिया. हालांकि, सूरत नगर निगम के अधिकारी पुलिस बल के साथ पहुंचे थे. मंदिर विध्वंस का विरोध करने वाले सभी लोगों को पुलिस ने जबरन पकड़ लिया और एक पुलिस वैन में बैठा दिया.
भाजपा शासित सूरत नगर निगम का बुलडोजर जनता के विरोध के बावजूद वाल्मीकि समुदाय के पूज्य देवता बाबा रामदेव पीर के बरसों पुराने मंदिर पर चला दिया. पीढ़ियों से इस मंदिर में पूजा करते आ रहे पुजारी मधुभाई गरनिया मनपा अधिकारियों के सामने रोते हुए नजर आए. बावजूद नगर निगम के अधिकारी उनकी एक भी नन सुनी और मंदिर को गिरा दिया.
मंदिर तोड़े जाने को लेकर हिंदू संगठन और सोशल मीडिया पर लोगों में नाराजगी का माहौल दिखाई दे रहा है. लोग सवाल कर रहे हैं कि अगर इस मंदिर को किसी और पार्टी की सरकार ने गिरा दिया होता तो बीजेपी ने पूरे देश में आंदोलन शुरू कर देती. लेकिन बीजेपी शासित राज्य में ही मंदिर को गिरा दिया गया है, इसलिए बीजेपी कुछ नहीं करेगी.
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