सूरत: गुजरात के औद्योगिक शहर सूरत में कोरोना की वजह से स्थिति खराब होती जा रही है. Surat Plasma Increased Demand
कोरोना के दैनिक मामलों में दर्ज की जाने वाली वृद्धि के बाद अस्पताल, ऑक्सीनजन और रेमडेसिवीर इंजेक्शन के बाद अब प्लाज्मा की मांग तेज हो गई है. डॉक्टर प्लाज्मा के लिए प्रिस्काइप कर रहे हैं.
हालांकि शहर के ब्लड बैंकों में प्लाज्मा है ही नहीं. इसलिए मरीजों के परिजन को प्लाज्मा के लिए ब्लड बैंकों का धक्का खाना पड़ रहा है.
सूरत में प्लाज्मा की बढ़ी मांग Surat Plasma Increased Demand
सिविल और स्मीमेर अस्पताल के ब्लड बैंक विभाग लोगों से अपील कर रहा है जो एक महीने पहले कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं. वह अपने एंटीबॉडी परीक्षण करवाने के बाद प्लाज्मा दान करें.
ताकि दूसरे कोरोना संक्रमितों की जान बचाई जा सके. Surat Plasma Increased Demand
जरूरत के मुकाबले कम मिल रहा प्लाज्मा Surat Plasma Increased Demand
इस सिलसिले में जानकारी देते हुए सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक के प्रभारी डॉ. मयूर जरगे ने कहा कि हर दिन 20 से अधिक प्लाजमा की मांग है. लेकिन हम केवल 10 से 12 ही दे सकते हैं.
समस्या यह है कि हम एक दिन में 25 से 30 डोनर को बुलाते हैं. लेकिन स्क्रीनिंग में केवल 5 से 6 लोग ही सही निकलते हैं. Surat Plasma Increased Demand
हम लोगों से प्लाज्मा दान करने के लिए कह रहे हैं. बिल्कुल ऐसी ही स्थिति स्मीमेर अस्पताल की है. निजी अस्पताल में भी प्लाज्मा की मांग बढ़ रही है.
कोरोना से 28 दिन पहले स्वस्थ होने वाले लोग ही प्लाज्मा दान कर पाएंगे. एक महीने पहले कोरोना वाले बहुत कम मरीज थे.
कोरोना का टीका लेने वाले लोगों से प्लाज्मा लेने के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं हैं. Surat Plasma Increased Demand
वहीं सूरत की स्मीमेर अस्पताल की ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. अंकिता शाह ने भी लोगों से यथासंभव प्लाज्मा दान करने की अपील की है.
डॉक्टरों का कहना है कि यदि कोई मरीज गंभीर स्थिति में है, तो उसे शुरुआती अवस्था में प्लाज्मा दिया जाता है. जिससे उसमें रिकवरी जल्दी होती है. Surat Plasma Increased Demand
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