लंबे तालाबंदी के बीच शहरों में फंसे श्रमिक परिवार अपने गांव जाना तो चाह रहे हैं लेकिन केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से की गई व्यवस्था इतनी पैचीदा है कि लोगों से समझ से दूर है ऐसे में प्रवासी मजदूर जहां हैं वहीं फंसे हुए हैं. ऐसे में अब उनकी यह लाचारी उनके अपनों के लिए ही जानलेवा साबित हो रही है. ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को शहर के लिम्बायत क्षेत्र में सामने आया है. जहां गांव जाने की जिद कर महिलाओं को उसके पति ने पीट-पीट कर मौत के घाट उतार डाला और फिर खुद को पुलिस हवाले कर दिया. हालांकि इसके इतर पुलिस हत्या के पीछे उनके बीच चल रहे गृह क्लेश को जिम्मेदार बता रही है.
मिल रही जानकारी के अनुसार गोडादरा गणेशनगर में किराए के मकान में रहने वाले शिवहरी सिंह पुत्र सीताराम यादव (25) ने गुरुवार रात अपनी पत्नी रूमीदेवी (23) की हत्या कर दी. बिहार के बक्सर जिले के देवेनपुर गांव का मूल निवासी शिवहरी सिंह कपड़ा बाजार में माल ढुलाई का काम करता था. कोविड19 के चलते लॉक डाउन होने के बाद से उसका काम काज बंद हो गया था. शहर में काम नहीं होने के कारण उसकी पत्नी उससे गांव जाने के लिए कह रही थी लेकिन गांव जाने का कोई इंतजाम नहीं हो पा रहा था.
उसकी गांव जाने की जिद के कारण गुरुवार को दोनों में विवाद भी हुआ. लेकिन फिर मामला ठंडा पड़ गया. शाम साढ़े छह बजे दोनों सब्जी लेने के लिए घर से निकले. रास्ते में फिर विवाद हुआ और कथिततौर पर रूमी देवी अकेले गांव जाने की बात कर देवध गांव की ओर चली गई. शिवहरी सिंह उसके पीछे गया. गन्नें के खेत में उसने रूमी देवी को पकड़ा और उसे लात घूंसो से बुरी तरह से पीटा.
उसने उसे इतना पीटा की वह निढाल होकर वहीं गिर गई. शिवहरी सिंह की भी रात भर वहीं बैठा रहा. सुबह पांच बजे उसने पुलिस को कंट्रोल रूम को फोन किया. खबर मिलने पर लिम्बायत पुलिस मौके पर पहुंची तो वह थर थर कांप रहा था. उसकी निशानदेही पर पुलिस खेत में पहुंची. तब तक रुमी देवी की मौत हो चुकी थी. पुलिस ने शव अस्पताल भिजवाया. पूछताछ में शिवहरी सिंह ने अपना जुर्म कबूल कर लिया. पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और थाने ले गई.
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