अहमदाबाद: देश में कोरोना वायरस के रोज नए मामले सामने आ रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में मामले तबलीगी जमात के निज़ामुद्दीन में हुए धार्मिक आयोजन से जुड़े हैं. इस कार्यक्रम में शामिल होने वालों की तलाश की जा रही है और उन्हें आइसोलेट किया जा रहा है. आइसोलेशन में रखे गए तबलीगी जमातियों द्वारा अस्पताल के स्टॉफ के साथ बुरा बर्ताव करने और अनुचित मांग करने की खबरें देश के कई हिस्सों से आई हैं. इस बीच, गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल तबलीगी जमात से जुड़े लोगों पर बड़ा आरोप लगाया.
उन्होंने कहा कि अधिकारियों के साथ सहयोग न कर और यात्रा की जानकारी छिपा कर राज्य में और देश में कोरोना वायरस के प्रसार में बड़ी भूमिका निभाई है. पटेल ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि मुस्लिम धर्म संगठन के सदस्यों के विपरीत, गुजरात में हवाई अड्डों पर आने वाले हिंदू यात्रियों ने कोई नखरे नहीं किये और इस संबंध में अधिकारियों के निर्देशों का पालन किया था. भाजपा नेता ने कहा, पाकिस्तान समेत इस्लामिक देशों में भी हमने सरकारी निर्देशों के उल्लंघन के बारे में नहीं सुना है. दुर्भाग्य से भारत में कुछ चरमपंथी एचं धार्मिक कट्टरपंथी गलत अफवाह फैला रहे हैं कि इससे (सरकारी निर्देशों से) उनके धर्म को हानि होगी.
उप मुख्यमंत्री ने कहा, तबलीगी जमात के सदस्यों ने कोरोना वायरस के प्रसार में बड़ी भूमिका निभाई है. पटेल ने कहा कि दिल्ली अपने घरों को लौटने वाले लोगों को सबंधित राज्यों के अधिकारियों को सूचित करना चाहिए था. इससे इसके प्रसार को रोका जा सकता था. उन्होंने कहा कि विदेश से आने वाले अधिकतर यात्री हिंदू थे और उन्होंने कोई बहानेबाजी नहीं की और सभी निर्देशों का पालन करते हुए क्वारंटीन में चले गये. अगर जमात के सदस्य भी ऐसा करते और अधिकारियों को इस बारे में सूचित करते अथवा चिकित्सकीय जांच के लिये आगे आते तो प्रभावितों की संख्या कम होती. उन्हें यह बात समझना चाहिये कि उनकी इस कार्रवाई से अल्पसंख्यक समुदाय के लोग ही सबसे अधिक प्रभावित होंगे. गुजरात के 126 लोगों ने पिछले महीने निजामुद्दीन में आयोजित जलसे में हिस्सा लिया था जिनमें से अहमदाबाद के 12 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है.
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