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ताहिर हुसैन का कबूलनामा, ‘मैं हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था’

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दिल्ली में दंगे (Delhi Riots) भड़काने के आरोप में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) ने हैरान कर देनी बातें कबूल की हैं. ताहिर हुसैन ने कबूला है कि हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था इसलिए उसने दिल्ली में दंगे भड़काए.

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के मुताबिक हुसैन ने कहा कि वह हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था.
ये दावा दिल्ली पुलिस की तरफ से दाखिल की गई चार्जशीट में हुआ है.

उसने कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा के दौरान कुछ बड़ा करना चाहता था.

उसने कबूल किया है कि वह सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान साजिश रची.

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दिल्ली पुलिस की स्पेशल जांच टीम (SIT) की ओर से जारी ताहिर के कबूलनामे में लिखा गया है कि वह हिंदुओं को सबक सिखाना चाहता था.

सने कहा कि वह अपने राजनीतिक ताकत और पैसे का इस्तेमाल कर काफिरों को सबक सिखाना चाहता था.
उसने कहा कि वह उत्तर-पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा का मास्टरमाइंड था.

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पुलिस का दावा है कि सरकारी क़बूलनामे में ताहिर हुसैन ने यह बात मानी है कि उनके एक सहयोगी ख़ालिद सैफ़ी और पीएफ़आई ने भी इस हिंसा को अंजाम देने में उसकी मदद की.

ताहिर ने बताया,

“ख़ालिद सैफ़ी ने अपनी एक दोस्त, इशरत जहाँ के साथ मिलकर पहले धरना शुरू किया. चार फ़रवरी को यह तय हुआ कि सीएए विरोधी प्रदर्शन में आने के लिए लोगों को भड़काना होगा. ख़ालिद सैफ़ी का काम लोगों को भड़का कर सड़कों पर उतारने का था. ख़ालिद सैफ़ी ने कहा था कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दौरे (17 फ़रवरी 2020) के समय कुछ तो बड़ा करना होगा ताकि मौजूदा सरकार को झुकने के लिए मजबूर किया जा सके.”

ताहिर हुसैन ने कहा,

‘’मैं खालिद सैफी की कहने पर बार-बार दिल्ली पुलिस को फोन कर रहा था, ताकि मुझपर किसी को शक न हो. जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद खालिद मेरे पास आय़ा और बोला कि इस बार हम लोग चुप नहीं बैठेंगे. इस बीच राम मंदिर का फैसला भी आ गया और नागरिकता संसोधन कानून भी आ गया. अब मुझे लगा की पानी सिर से ऊपर जा चुका है. अब तो कुछ करना पड़ेगा.’’

चार्जशीट के मुताबिक ताहिर ने कहा, 

“खालिद सैफी ने मुझसे कहा कि तुम्हारे पास पैसा और राजनीतिक ताकत दोनों हैं, जिनका इस्तेमाल हिंदुओं के खिलाफ और कौम के लिए करेंगे. आठ जनवरी को खालिद सैफी ने मुझे जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद से शाहीनबाग के पीएफआई के दफ्तर में मिलवाया. उमर खालिद ने कहा कि वह मरने मारने के लिए राजी है. वहीं खालिद सैफी ने कहा कि पीएफआई के सदस्य दानिश हिंदुओं के खिलाफ जंग में फाइनेंशियल मदद करेगा.’’

ताहिर हुसैन के क़बूलनामे के मुताबिक,

“24 फ़रवरी 2020 को हमने अपने प्लान के हिसाब से लोगों को मेरे घर की छत पर बुलाया.
उन्हें बताया गया कि पत्थर, पेट्रोल बम और तेज़ाब की बोतलें कैसे फेंकनी हैं.
मैंने अपने परिवार को किसी दूसरी जगह शिफ़्ट कर दिया था.
उस दिन क़रीब डेढ़ बजे हमने पत्‍थरबाज़ी और आगजनी शुरू की.
मैंने जानबूझकर अपने घर के बाहर और छत पर लगे सीसीटीवी के तार कटवा दिये थे, ताकि सबूत ना रहे.”

फरवरी में भड़के थे दंगे

फरवरी महीने में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के बीच हुए इस दंगे में कई लोगों की जान गई थी.

इस दंगे में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

ताहिर हुसैन आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या के मामले में भी मुख्य अभियुक्त हैं.

अंकित का शव 26 फ़रवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के चाँद बाग़ इलाक़े में मिला था.

ताहिर हुसैन दिल्‍ली में हुए दंगों के 10 मुख्य अभियुक्तों में भी शामिल है जो जेल में बंद हैं.

इसके बाद से लगादार दिल्ली पुलिस जांच में जुटी है.

इसको लेकर कई गिरफ्तारियां भी हुई हैं.

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