अमेजन की वेब सीरीज ‘तांडव’ (Tandav) की टीम की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. तांडव (Tandav) के निर्माता, लेखक और अभिनेता को सुप्रीम कोर्ट से आज कोई राहत नहीं मिली. उनके खिलाफ देशभर में दर्ज एफआईआर पर अंतरिम सरंक्षण देने से कोर्ट ने इनकार कर दिया है और कहा है कि राहत के लिए हाईकोर्ट जाएं. इस मामले पर 4 हफ्ते बाद अगली सुनवाई होगी.
तांडव (Tandav) के निर्देशक अली अब्बास जफर के अलावा अमेजन प्राइम इंडिया प्रमुख अपर्णा पुरोहित, निर्माता हिमांशु मेहरा, कहानी के लेखक गौरव सोलंकी और अभिनेता मोहम्मद जीशान अयूब ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में दर्ज की गई प्राथमिकी के खिलाफ तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं.
यह भी पढ़ें: बिहार: भाजपा से जुड़े कई दलों के नेता, लालू के करीबी सीताराम ने भी छोड़ा आरजेडी
न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने प्राथमिकी के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि जिन राज्यों में एफआईआर हुई है. वहां जांच होने दीजिए, परेशानी क्या है?
‘ऐसी एक्टिंग और स्क्रिप्ट नहीं होनी चाहिए’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको ऐसी एक्टिंग और स्क्रिप्ट नहीं होनी चाहिए, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हों. आपने अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है एफआईआर को लेकर, इस पर हम किस आधार पर सुनवाई करें. आपने अनुच्छेद 32 के तहत याचिका किस आधार पर दाखिल कर दी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एफआईआर को क्लब करने कि मांग पर विचार करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों में दर्ज एफआईआर पर रोक लगाने से इंकार किया. कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक का आदेश देने से इनकार कर दिया. 4 हफ्ते बाद अगली सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- इस राहत के लिए हाई कोर्ट जाएं.
सीनियर वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि याचिकाकर्ता मुंबई का रहने वाला है. वो छह अलग अलग राज्यों में कैसे मुकदमा लड़ेगा? ऐसे में अदालत सभी राज्यों में दर्ज एफआईआर क्लब कर दे और मुंबई स्थानांतरित कर दें.
बता दें कि ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर 16 जनवरी को वेब सीरीज ‘तांडव’ (Tandav) रिलीज हुई थी. इसके बाद से लगातार यह विवादों में बनी हुई है. तांडव (Tandav) के निर्माताओं पर आरोप है कि सीरीजज के माध्यम से उन्होंने समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है.