भागवत कथा वाचक तरुण मुरारी बापू ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में एक कथा के दौरान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान देते हुए उनको देशद्रोही करार दिया था. उनके इस बयान को लेकर कांग्रेसी नेताओं ने तरुण मुरारी के खिलाफ केस भी दर्ज कराया था. लेकिन अब मुरारी बापू ने अपने इस बयान को मीडिया पर ठिकरा फोड़ते हुए माफी मांग ली है.
एक वीडियो जारी कर भागवत कथा वाचक तरुण मुरारी बापू ने कहा कि मीडिया के लोगों ने मुझसे वह बुलवा लिया जिसे मुझे नहीं बोलना था. गांधीजी के बारे में पूरा देश जानता है. मेरा उनको अपमानित करने का कोई उद्देश्य नहीं था. बावजूद इसके अगर मेरे बयान से किसी की भावना आहत हुई है तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं.
मिल रही जानकारी के अनुसार भागवत कथा वाचक तरुण मुरारी बापू छिंदवाड़ा रोड़ स्थित वीरा लॉन में श्रीमद्भागवत कथा कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी न ही महात्मा हो सकते हैं न ही राष्ट्रपिता जो राष्ट्र को तोड़ने का काम किया है उसको कैसे राष्ट्रपिता कहा जा सकता है. इसलिए मैं महात्मा गांधी का विरोध करता हूं और उनको देशद्रोही कहता हूं.
धर्म संसद के आखिरी दिन कालीचरण नामक संत ने महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया था. इतना ही नहीं कालीचरण ने अभ्रद भाषा का इस्तेमाल करते हुए गांधी को देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार ठहराया था. खुले मच से कालीचरण महात्मा गांधी को गाली दे रहा था. कालीचरण गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को नमस्कार कर उसकी वाहवाही कर रहा था.
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