राजस्व विभाग (Revenue Department) ने शेयर बाजार से संबंधित मामले में एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है. राजस्व विभाग के मुताबिक, कई व्यक्तियों और संस्थाओं ने बीएसई के विकल्पों में बड़ा उलटफेर करके 82,00 के टैक्स चोरी (Tax Evasion) को अंजाम दिया गया है. बताया जा रहा है कि इन घोटालों के पीछे शेयर दलालों और प्रवेश ऑपरेटरों के एक समूह शामिल है.
दरअसल आयकर विभाग ने पिछले महीने सेबी (SEBI) को एक प्रारभिंक रिपोर्ट भेजी थी जिसमें में करीब 20,000 ऐसे लाभार्थियों की पहचान की गई थी. इसके आधार पर टैक्स चोरी (Tax Evasion) का पता चला है.
यह भी पढ़ें: कोरोना काल में भारत की अर्थव्यवस्था पाकिस्तान-नेपाल से भी खराब, राहुल ने पेश किए आंकड़े
बंगाल से सर्वाधिक संख्या
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने देश के विभिन्न शहरों में 22 ब्रोकरेज हाउस का पता लगाया है जिसमें सर्वाधिक संख्या बंगाल से हैं. जुलाई 2019 में आयकर विभाग ने ऑपरेशन फॉल्कोन के जरिए इन सभी लाभार्थियों का पता लगाया था. इसमें मुंबई, कोलकाता, कानपुर, हैदराबाद और राष्टीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) शामिल हैं.
ब्रोकर्स ने कबूली टैक्स चोरी की बात
आयकर विभाग की पूछताछ के दौरान कई ब्रोकर्स ने एफ एंड ओ सेजमेंट (F&O) में टैक्स चोरी (Tax Evasion) की बात कबूल ली है और इसमें अपनी 2 से 3 फीसदी हिस्सेदारी की बात कही है. छापे के दौरान विभाग ने पाया है कि इस घोटाले के पीछे शेयर दलाल और प्रवेश ऑपरेटर हैं जो पैसों के बदले में विभिन्न संस्थाओं के लाभ/हानि का रिकॉर्ड रखते हैं.
घोटाले (Tax Evasion) की जांच को और प्रभावी बनाने के लिए आयकर विभाग, पूंजी बाजार नियामक प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ मिलकर काम कर रहा है. पश्चिम बंगाल में एक स्रोत के मुताबिक, दलालों का एक समूह स्थानीय मशीनरी से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ था. दरअसल, कई दलालों ने आयकर विभाग के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई थी जिन्होंने दिसंबर 2019 में इन दलालों के यहां तलाशी ली थी.