कोरोना वायरस की जांच को लेकर निजी लैब्स द्वारा लिये जा रहे 4,500 रुपए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका पर सुनवाई में अदालत ने स्पष्ट किया है कि जांच के लिए पैसे नहीं लगेंगे. अदालत ने कहा कि प्राइवेट लैब को कोरोना जांच के लिए पैसे लेने की अनुमति नहीं होनी चाहिए. हम इस मसले पर आदेश पारित करेंगे. सुनवाई के दौरान जस्टिस भूषण ने कहा कि ‘उन्हें कोरोना के लिए लोगों के परीक्षण के लिए चार्ज करने की अनुमति नहीं देते हैं. परीक्षणों के लिए सरकार से पैसे लेने का मैकेनिज्म बना सकते हैं.
बीते महीने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने मान्यता प्राप्त निजी प्रयोगशालाओं (लैब) को मंजूरी दे दी थी. इसके साथ ही प्रत्येक कोविड-19 जांच की कीमत 4,500 रुपये तय की गई थी. 4500 रुपये देकर कोरोना वायरस की जांच कराई जा सकती थी. इसमें शुल्क में 3000 रुपये जांच और 1500 रुपये स्क्रीनिंग के शामिल हैं. हालांकि सरकार ने लोगों से बिना कारण जांच न कराने की भी अपील की है. जांच कराने के लिए आपको क्वालिफाइड फिजिशियन से लिखवाना होगा.
वहीं, कोरोना वायरस की वजह से देश में अब तक पांच हजार से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 5194 कोरोना के पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. इसके अलावा 149 लोगों की संक्रमण के चलते मौत हो गई है. दुनिया में कोरोना के 15 लाख के करीब मरीज सामने आ चुके हैं.
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