वडोदरा: गुजरात सहित पूरे भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते आतंक को लेकर लंबे तालाबंदी का ऐलान किया गया है. आज लॉकडाउन के 10 दिन पूरे होने के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन किया माना जा रहा है कि लंबे तालाबंदी के बीच सबसे परेशान दिहाड़ी मजदूरों और गरीबों को लेकर कोई ऐलान करेंगे लेकिन लम्बे भाषण के बीच गरीब और गरीबों का उल्लेख तो किया लेकिन उनके लिए क्या कुछ किया जाएगा उसका कोई जिक्र नहीं ऐसे में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य से खबर आ रही है कि लोग लंबे तालाबंदी की वजह से भुखमरी के शिकार हो रहे हैं. जिससे इतना परेशान हो चुके हैं कि अब जहर की मांग कर रहे हैं.
वडोदरा के कई इलाकों में अभी तक नहीं मिली मदद
गुजरात से प्रकाशित गुजराती समाचार पत्र दिव्य भास्कर के मुताबिक, कोरोना वायरस को रोकने के लिए पूरे देश में तालाबंदी कर दी गई है. इस दौरान प्रशासन, स्वैच्छिक संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता आवश्यक चीजों की पूर्ति के लिए लोगों की मदद कर रहे हैं. लेकिन वडोदरा के कई इलाके आज भी ऐसे हैं जहां लोगों को किसी भी तरीके की मदद नहीं मिल रही है जिसकी वजह से वहां के स्थानिक लोगों की हालत दयनीय बन गई है.
जलाराम नगर में नहीं है लोगों के पास खाना
वडोदरा के कारेलीबाग इलाका शहर के सबसे बड़े स्लम क्षेत्रों में से एक है जलाराम नगर में पिछले 10 दिनों के तालाबंदी के दौरान प्रशासन या फिर स्वयंसेवी संगठनों की ओर से किसी भी तरीके की मदद नहीं मिली. जिसके बाद जलाराम नगर में रहने वाले कुछ लोग अपनी हैसियत के मुताबिक पैसा जमाकर लोगों को खाना मुहैया करवा रहे हैं. लेकिन इलाके के गरीब लोग गरीबों की कितनी मदद कर सकते हैं. वह भी धीरे-धीरे हार मान रहे हैं. जिसके बाद स्वयंसेवी संगठन और गुजरात सरकार से मदद की अपील कर रहे हैं.
अगर आप हमारी मदद नहीं कर सकते, तो हमें जहर दे दीजिए
दिव्य भास्कर से बातचीत करते हुए जलारम नगर डिवीजन -1 में रहने वाले स्थानिक लोगों का कहना है कि “हमने एक महीने तक का राशन लिया था. जो अब खत्म हो गया है. हमारे इलाके में रहने वाले कुछ युवाओं ने कई दिनों तक मदद मदद की. लेकिन अब उनसे मिलने वाली मदद बंद हो गई है. अभी तक हमारे इलाके में ना तो सरकार और ना ही स्वैच्छिक संगठन की ओर से किसी तरीके की मदद मिली है. इसलिए अब हम मांग कर रहे हैं कि अगर हमारी मदद नहीं की जा सकती है, तो हमें जहर दे दो ताकि हम सुकून से मर सकें“.
वहीं स्थानीय रमेश भाई अपनी परेशानी को लेकर बात रहे हैं कि “तालाबंदी के 10 दिन बीत चुके हैं. लेकिन, ना तो सरकार और न ही स्वैच्छिक संगठन से जुड़े लोग मदद के लिए आए हैं. यहां पर लगभग 2 हजार लोग रहते हैं. राशन की दुकानों पर भी राशन नहीं मिलता है. जब लोग राशन लेने जाते हैं तो एपीएल और बी.पी.एल. का कार्ड मांगा जाता है. हम अब तालाबंदी से इतने परेशान हो चुके हैं कि दोनों हाथ जोड़कर गुजरात सरकार से जहर की मांग कर रहे हैं“.
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