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स्टैच्यू ऑफ यूनिटी विधेयक रद्द करने की मांग को लेकर निकाली रैली, कलेक्टर को दिया आवेदन पत्र

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विशाल मिस्त्री, राजपीपणा: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के देखने आने वाले प्रवासियों की संख्या बढ़ाने के मकसद को लेकर गुजरात सरकार ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी टूरिज्म डेवलपमेंट अथॉरिटी विधेयक लेकर आई है जिसका विरोध किया जा रहा है. इससे पहले इस बिल का विरोध राजधानी गांधीनगर के सचिवालय में आदिवासी समुदाय के लोगों ने किया था. लेकिन अब इस बिल को वापस लेने की मांग को लेकर नर्मदा जिला के 70 गांव के आदिवासियों ने आज एक बार फिर से मैदान में आए और गुजरात सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए एक विशाल रैली निकाली और नर्मदा जिला कलेक्टर को आवेदन पत्र देते हुए इस बिल को निरस्त करने की मांग किया.

अपने आवेदन पत्र में आदिवासियों ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी टूरिज्म डेवलपमेंट अथॉरिटी विधयक लागू होने के बाद लोकतंत्र के अधिकारों को हासिल करने में काफी दिक्कत होगी. इतना ही नहीं पंचायत अधिनियम के नियमों को भी निरस्त करने की संभावना जताई जा रही है. जैसे कई आदिवासियों को मिलने वाले दर्ज को छीन लिया जाएगा. इतना ही नहीं आदिवासियों ने गुजरात सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पहले गुजरात सरकार ने किसी भी पर्यटन स्थल को नोटिफाइड क्षेत्र नहीं घोषित किया है, तो फिर आदिवासी क्षेत्र को ही क्यों नोटिफाइड क्षेत्र के तौर पर क्यों घोषित किया जा रहा है. इस कानून के लागू होने के बाद आदिवासियों के संस्कृति की रक्षा नहीं पाएगी, यहां पर रहने वाले लोगों की रोजी-रोटी भी छिन जाएगी, इस कानून के लागू होने के बाद आदिवासियों को अपनी जमीन घर रोजी-रोटी छोड़कर भागना पड़ेगा इसलिए हम इस कानून का विरोध कर रहे हैं अगर सरकार हमारी मांगों के तरफ ध्यान नहीं देती तो इससे भी उग्र आंदोलन किया जाएगा.

इस सिलसिले में नर्मदा जिला पंचायत के कार्यकारी अध्यक्ष बहादुर वासवा ने कहा कि इस कानून को लागू करने के बाद गुजरात सरकार कानून का उल्लंघन कर पंचायत अधिनियम के नियमों को निरस्त करने की कोशिश कर रही है. अगर हमारी मांग और इस कानून को रद्द नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएगा.

गौरतलब हो कि पिछले दिनों होने वाली गुजरात विधानसभा की शीतकालीन सत्र में सरकार ने इस बिल को मंजूर किया था जिसका विरोध करते हुए वडगाम के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी ने विधानसभा परिसर में इस बिल की कॉपी को जला दिया था.