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संसद के शीतकालीन सत्र का आगाज, विपक्ष ने जमकर किया हंगामा, फारुक अब्दुल्लाह की रिहाई की मांग

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संसद के शीतकालीन सत्र का आज से आगाज हो चुका है. जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर कांग्रेस तथा महाराष्ट्र में किसानों की स्थिति को लेकर शिवसेना के सदस्यों ने सदन शुरु होते ही जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की. सदन की कार्यवाही राष्ट्रगान की धुन बजाये जाने के साथ शुरू हुई. इसके बाद चार नए सदस्य. प्रिंस राज, हिमाद्री सिंह, श्रीनिवास दादा पाटिल और डीएम काथिर आनंद को शपथ दिलाई गयी. इसके बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज एवं अरूण जेटली सहित नौ दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई.

संसद सत्र के दौरान लोकसभा में विपक्षी पार्टियों ने फारूक अब्दुल्ला को नज़रबंद करने का मुद्दा उठाया. विपक्षी पार्टियों ने लोकसभा में नारे लगाए ‘विपक्ष पर हमला बंद करो, फारूक अब्दुल्ला जी को रिहा करो, वी वांट जस्टिस.’ लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘फारूक अब्दुल्ला को नज़रबंद किए हुए 108 दिन हो गए हैं. ये क्या जुल्म हो रहा है. हम चाहते हैं कि उन्हें संसद लाया जाए. यह उनका संवैधानिक अधिकार है.’

लोकसभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल की शुरुआत की उसी समय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रमुक और शिवसेना के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए. कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार लोकतंत्र को खत्म कर रही है और विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है.

विपक्ष में पहली बार बैठी शिवसेना

कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए. उन्होंने ‘फारूक अब्दुल्ला वापस लाओ’ और ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ के नारे लगाए. नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी भी कांग्रेस सदस्यों के साथ आसन के निकट पहुंचे.

चौधरी ने राहुल, सोनिया और प्रियंका गांधी से एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने का भी मामला सदन में उठाया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सदस्यों से अपने आसन पर जाने और नारेबाजी बंद करने की अपील की. लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा. जिसके बाद सदन दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.

लोकसभा अध्यक्ष ने जैसे ही प्रश्नकाल की शुरुआत की उसी समय कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, द्रमुक और शिवसेना के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए. कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार लोकतंत्र को खत्म कर रही है और विपक्ष के नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है.

दूसरी तरफ, शिवसेना के नेताओं ने महाराष्ट्र के किसानों को राहत देने की मांग करते हुए नारेबाजी की.

कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए. उन्होंने ‘फारूक अब्दुल्ला वापस लाओ’ और ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ के नारे लगाए. नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी भी कांग्रेस सदस्यों के साथ आसन के निकट पहुंचे.