हितेश चावड़ा, नडियाद: भले ही लॉकडाउन 4.0 शुरू हो गया है, लेकिन गुजरात से लौटने वाले मजदूर व्यवस्था की कमी की वजह से आज भी पैदल अपने घर वापस जाने को मजबूर हो रहे हैं. अहमदाबाद से अमरावती जा रहे मजदूरों ने कहा कि हम घर जा रहे हैं और अब कभी वापस नहीं आएंगे. इतना ही नहीं इन प्रवासी मजदूरों ने कहा कि हम उन्हीं को वोट देंगे जो हमें खाना देगा.
तालाबंदी के बाद उद्योग और व्यापार बंद होने के कारण मजदूर घर लौटने को मजबूर हो रहे हैं. अधिकांश मजदूर तालाबंदी शुरू होते ही पैदल घर जाने को रवाना हो गए कुछ लोग घर पहुंच गए हैं तो कुछ रास्ते में वहीं कुछ आज भी सरकारी मदद की उम्मीद में बैठे है. लेकिन कुछ लोग सरकारी मदद की राह देखते देखते अब थक चुके हैं और अहमदाबाद से पैदल नडियाद पहुंचे वहाँ वाहन और पास की व्यवस्था कर गुजरात से महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश की सीमा / मध्यप्रदेश की सीमा तक पहुँचाने की वाहन व्यवस्था की.
नादियाड से डाकोर रोड पर चल रहे मजदूरों को सेवाभावी लोगों ने देखा और उनको भोजन देने के साथ ही साथ इन लोगों को कलक्ट्रेट का पास दिया जिसके बाद गुजरात सीमा पर भेजा गया.
इन लोगों ने गुजरात एक्सक्लूसिव से बात करते हुए कहा कि, “हम लोग जहां काम कर रहे थे वहां से तो हमें भुगतान मिल गया, लेकिन लॉकडाउन होने की वजह से कोई काम नहीं मिल रहा. जिसकी वजह से अब हम घर जा रहे हैं.” हमने कोशिश की लेकिन हमें घर जाने के लिए पास नहीं मिला जिससे हम पैदल ही निकल गए. हमारा गृहनगर महाराष्ट्र राज्य का अमरावती जिला है.”
नडियाद तालुका के डॉ. कमलेश ने कहा, “हमें इन मजदूरों के बारे में जानकारी मिली, इसलिए हमने तुरंत उनके लिए खाना-पानी और नास्ता की व्यवस्था की. ये गरीब मजदूर मूंगफली खा कर चले जा रहे थे” हमने खेड़ा कलेक्ट्रेट से संपर्क किया और दाहोद सीमा तक पहुंचने के लिए उनके पास और वाहन की व्यवस्था की, ताकि वे अपनी मातृभूमि तक आसानी से पहुंच सकें.
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