लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को निकालने का काम जारी है. रेलवे उनके निकालने के लिए विशेष श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रही है. हालांकि मजदूरों से रेल भाड़ा वसूलने के मुद्दे पर विवाद खड़ा हो गया है. विपक्ष जहां इस मामले को लेकर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है तो वहीं रेलवे और केंद्र लगातार सफाई दे रही है. उधर श्रमिकों से रेलवे द्वारा कथित तौर पर भाड़ा लिए जाने की आलोचना होने के बीच सूत्रों ने सोमवार को कहा कि अब तक चलाई गई 45 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लिए महाराष्ट्र , केरल और कर्नाटक को छोड़कर विभिन्न राज्य सरकारों ने भुगतान किया है.
उधर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में प्रवासी कामगारों के यात्री किराए का भुगतान करने की बात को खारिज कर दिया. सूत्रों ने बताया कि राजस्थान, तेलंगाना और झारखंड जैसे राज्य श्रमिकों की यात्रा के लिए भुगतान कर रहे हैं. केवल एक ट्रेन झारखंड पहुंची हैं और उसने भी यात्रा का भुगतान किया है. सूत्रों ने कहा कि गुजरात सरकार ने यात्रा पर आने वाले खर्च का एक हिस्सा देने के लिए एक एनजीओ को संबद्ध किया है.
सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र, केरल और कर्नाटक जैसे राज्य जहां से कुछ ट्रेनें चल रही हैं, वे यात्राओं के लिए प्रवासी श्रमिकों से पैसे ले रहे हैं. विवाद सोमवार को तब पैदा हुआ जब कई विपक्षी दलों ने प्रवासी श्रमिकों से ट्रेन टिकट के पैसे नहीं लिए जाने की मांग की. कांग्रेस ने ऐसे प्रवासियों के लिए भुगतान करने की पेशकश की. रेल किराए को लेकर पैदा विवाद के बीच भाजपा ने कहा कि रेलवे पहले ही यात्रा लागत का 85 प्रतिशत वहन करते हुए सब्सिडी पर टिकट मुहैया करा रहा है. रेलवे ने इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि फंसे हुए लोगों को पहुंचाने के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने की अनुमति कुछ राज्यों के अनुरोध के आधार पर दी गई.
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