तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट (Thiruvananthapuram Airport) के कर्मचारियों ने मंगलवार को अडानी समूह द्वारा हवाई अड्डे के अधिग्रहण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. अडानी ग्रुप को देश के तीन प्रमुख एयरपोर्ट की जिम्मेदारी मिली है जिसके बाद निदेशक के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया.
मंगलवार को अडानी पोर्ट और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) के बीच कंशेसन समझौता संपन्न हुआ. इसके तहत अगले 50 सालों के लिए जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवंतपुरम एयरपोर्ट (Thiruvananthapuram Airport) की जिम्मेदारी अदानी ग्रुप के पास होगी.
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प्रदर्शनकारी कर्मचारियों (Thiruvananthapuram Airport) का तर्क था कि जब अडानी समूह द्वारा अधिग्रहण के खिलाफ एक याचिका पहले ही उच्चतम न्यायालय में लंबित थी, तो एएआई के साथ समझौते पर जल्दबाजी में हस्ताक्षर क्यों किए गए.
भविष्य को लेकर चिंतित कर्मचारी
उन्होंने पूछा कि सरकार ने अडानी को हवाई अड्डा (Thiruvananthapuram Airport) सौंपने का फैसला किया है. अब, कर्मचारियों का क्या होगा? क्या उन्हें भी अडानी को भी बेचा जाएगा? क्या होगा यदि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा भर्ती किए गए कर्मचारियों को अडानी के अधीन काम करने के लिए कहा जाए और वे मना कर दें? अडानी को मदद करने के अलावा इस हवाई अड्डे को बेचने का कोई कारण नहीं है. एएआई भारत सरकार को करोड़ों का टैक्स देता रहा है.’
उन्होंने पूछा कि हालांकि, अदालत के आदेश के समर्थन के साथ वहां के निजी प्रबंधन कोरोना महामारी का हवाला देते हुए सरकार के साथ अपनी आय साझा नहीं कर रहे हैं. यदि अन्य हवाई अड्डे भी ऐसा ही करें तो क्या होगा? ”
इन तीन हवाई अड्डों के अलावा, केंद्र ने फरवरी 2019 में लखनऊ, अहमदाबाद और मंगलुरु हवाई अड्डों का भी निजीकरण किया था.
बता दें कि एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने कहा कि संचालन के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी के साथ 19 जनवरी को हुए कंशेसन एग्रीमेंट तहत तीन एयरपोर्ट की जिम्मेदारी मिली है. इसमें अडानी जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड, अडानी गुवाहाटी इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. और अडानी तिरुवंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (Thiruvananthapuram Airport) शामिल हैं.