लॉकडाउन के कारण विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों का पैदल ही अपने गृह राज्य जाने का सिलसिला जारी है. इस कारण कई मजदूरों की रास्ते में ही मौत गई है. ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में सामने आया है, जहां महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश पैदल जा रहे तीन मजदूरों की रास्ते में मौत हो गई. अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी.
ये तीनों उन हजारों लोगों में से हैं, जिन्होंने कोरोना वायरस को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच पिछले कुछ हफ्तों में महाराष्ट्र से अपने गृह राज्यों के लिए पैदल यात्रा की थी. हालांकि, अभी इनके शवों का पोस्टमार्टम किया जाना बाकी है. लेकिन डॉक्टरों ने कहा कि संभव है कि इन तीनों की मौत का कारण अत्यधिक गर्मी में थकान और शरीर में पानी की कमी हो. मरने वाले तीनों लोग अलग-अलग यात्रा कर रहे थे. इनकी पहचान प्रयागराज जिले के छुड़िया गांव के निवासी लल्लूराम (55), सिद्धार्थ नगर निवासी प्रेम बहादुर (50) और फतेहपुर जिले के गिरजा गांव के निवासी अनीस अहमद (42) के रूप में हुई है.
सेंधवा पुलिस थाना प्रभारी डी एस परिहार ने बताया कि मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र सीमा पर स्थित सेंधवा के पास पहुंचने पर उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया. उन्होंने बताया कि ये मजदूर महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों से होते हुए यहां तक पहुंचे थे और रास्ते में कई वाहनों से लिफ्ट भी ली थी. साथी यात्रियों ने उनकी हालत बिगड़ने पर निजी और पुलिस वाहनों की मदद से उन्हें अस्पतालों में पहुंचाया, लेकिन तीनों को मृत घोषित कर दिया गया.
दो मृतकों को सेंधवा के अस्पताल में ले जाया गया था. अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि इनकी मौत का कारण झुलसाने वाली गर्मी हो सकती है जिससे इन्हें पानी कमी और थकान हो गई. इस कारण इन्हें दिल का दौरा पड़ा. उन्होंने कहा कि लेकिन असल कारणों का तभी पता लग सकता है जब इनका शव परीक्षण किया जाएगा.
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