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बिहार के क्वारेंटाइन सेंटरों में एक दिन में 3 प्रवासी मजदूरों ने तोड़ा दम, व्यवस्था पर उठे सवाल

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बिहार सरकार ने दूसरे राज्यें से आर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए कई क्वारेंटाइन सेंटर बनाए हैं लेकिन नीतीश सरकार द्वारा चलाए जा रहे इन क्वारेंटाइन सेंटर में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा. इसका प्रमाण रविवार को उस समय देखने को मिला जब तीन अलग-अलग ज़िलों में तीन लोगों की मौत हो गई.

पहली घटना बिहार के मधुबनी के खुटोना प्रखंड के उत्क्रमित हाई स्कूल सिकटीयाही स्थित क्वारेंटाइन सेंटर की है. यहां एक व्यक्ति की मौत हो गई है. उसके परिवार वालों के अनुसार इलाज के अभाव में मौत हुई है. मृतक चंडीगढ़ से साइकिल से अपने गांव लौटा था और पिछले 10 दिन से इस क्वारेंटाइन सेंटर में था. परिवार वालों का कहना हैं कि शनिवार दोपहर से उनकी तबियत ख़राब हुई लेकिन इलाज ढंग से ना होने के कारण उनकी मौत हुई.

वहीं औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के वात्सल्य बिहार पब्लिक स्कूल में एक 60 वर्षीय व्यक्ति रामस्वरूप मेहता की मौत हुई. मृतक भी प्रवासी मज़दूर था और कुछ दिन पहले घर लौटा था. हालांकि कोरोना की उसकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है. इसके अलावा तीसरी मौत भागलपुर में मेडिकल कॉलेज में हुई जब हैदराबाद से लौट एक श्रमिक को तबियत ख़राब होने पर भर्ती कराया गया था. मृतक की भी कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई थी.

यह तीनों घटनाएं ऐसे समय सामने आई हैं जब राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हर दिन अपने अपनी समीक्षा बैठकों में क्वारेंटाइन सेंटर पर विशेष चर्चा करते हैं, लेकिन इन केंद्रों की निगरानी कर रहे लोगों का कहना है कि संख्या अधिक रहने के कारण हर व्यक्ति के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना एक चुनौती है. उधर राष्ट्रीय जनता दल लगातार नीतीश सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठा रहा है.

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