एक मई को दुनिया के कई देशों में अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस मनाया जाता है. अलग अलग देशों में इस दिन को लेबर डे, मई दिवस, श्रमिक दिवस और मजदूर दिवस के रूप में मनायाजाता है. इस दिन भारत समेत कई देशों में मजदूरों की उपलब्धियों को और देश के विकास में उनके योगदान को सलाम किया जाता है.
विश्व में जारी कोरोना संकट के बीच दुनियाभर के श्रमिकों के लिए बेहद खराब दिन चल रहा है. भारत में मजदूरों की हालत किसी से छुपी नहीं है. दो जून की रोटी के लिए मजदूर वर्ग को आज कोरोना संकट के कारण तरसना पड़ रहा है. देश में लॉकडाउन है लेकिन इसे लागू करने से पहले सरकार ने इन मजदूरों के बारे में ज्यादा सोच विचार नहीं किया. आज ये हजारों किलोमीटर का सफर पैदल तयकरके अपने गांव पहुंचना चाहते हैंं ताकि उन्हें वहां दो वक्त की रोटी मिल सके जबकि ये जिम्मेदारी सरकार की थी.
क्यों मनाया जाता है श्रमिक दिवस
यह दिवस उन लोगों के नाम समर्पित है जिन्होंने अपने खून पसीने से देश और दुनिया के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. किसी भी देश, समाज, संस्था और उद्योग में मजदूरों, कामगारों और मेहनतकशों का योगदान अतुलनीय है. मजदूरों और कामगारों की मेहनत और लगन की बदौलत ही आज दुनिया भर के देश हर क्षेत्र में विकास कर रहे हैं. यह दिन मजदूरों के सम्मान, उनकी एकता और उनके हक के समर्थन में मनाया जाता है. इस दिन दुनिया के कई देशों में छुट्टी होती है.
मजदूर दिवस यानी कि श्रमिक दिवस के दिन विभिन्न श्रम संगठन या ट्रेड यूनियनें अपने सदस्यों के साथ अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर जुलूस निकालते हैं और विरोध-प्रदर्शन करते हैं. अपने अधिकारों के प्रति आवाज उठाने के लिए इस दिन को मुफीद माना जाता है. इसके अलावा मजदूर दिवस के दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. बच्चों के लिए निबंध, वाद-विवाद और कला प्रतियोगिताओं का आयोजन कर उन्हें इस दिन के महत्व के बारे में समझाया जाता है. हालांकि इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश भर में लॉकडाउन है. ऐसे में मजदूर दिवस से जुड़े सभी कामों को पहले ही रद्द कर दिया गया है.
सभी मजदूर भाईओं को मजदूर दिवस की शुभकामनाएं
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