अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24-25 फरवरी को भारत दौरे पर आ रहे हैं. राष्ट्रपति ट्रंप के स्वागत के लिए गुजरात सरकार आम आदमियों के टेक्स से जमा हुए पैसे को पानी की तरह बहा रही है, इतना ही नहीं अहमदाबाद की गरीबी को छिपाने के लिए चीन की दीवाल के तर्ज पर लंबी दीवाल भी बनाया जा रहा है. इतना सब होने के बाद भी गुजरात की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस नींद में थी. लेकिन शिवसेना के हमलावर होने के बाद अब गुजरात कांग्रेस भी अपनी नींद से जगकर ट्रंप के दौरे का विरोध करने का मन बना रही है.
विपक्षी दल ने कहा कि यदि केंद्र अनुसूचित जाति/जनजाति समुदायों के लिए नौकरियों में आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले को लेकर उपयुक्त कदम उठाने में गुजरात सरकार विफल रहती है तो वह इस स्टेडियम के बाहर प्रदर्शन करेगा. गुजरात कांग्रेस ने शीर्ष अदालत के पिछले सप्ताह के इस फैसले को लेकर सोमवार को सारंगपुर इलाके में ‘संविधान बचाओ’ रैली की. रैली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावड़ा ने कहा, यह प्रदर्शन महज शुरुआत है. आने वाले दिनों में हम छोटे शहरों और गांवों में लोगों तक पहुंचेंगे. यदि जरूरत हुई तो हम मोटेरा और दिल्ली में भी प्रदर्शन करेंगे.
इतना ही नहीं गुजरात कांग्रेस के प्रभारी राजीव सातव ने कहा, भाजपा और आरएसएस कई साल से आरक्षण हटाने का प्रयास कर रही है. आरक्षण हटाना उनका एजेंडा है जबकि हमारे महापुरुषों ने यह व्यवस्था इसलिए की थी, ताकि हाशिए पर पड़े लोगों को समान अवसर मिल सके. कांग्रेस की इस धमकी पर बीजेपी ने कड़ा एतराज जयाता है बीजेपी प्रवक्ता भरत पंडया ने कहा कि मोदी-ट्रंप के दौरे से गुजरात को ही नहीं बल्कि पूरे देश को काफी फायदा होने वाला है. गुजरात के हजारों लोग अमेरिका में रह रहे हैं ऐसे में कांग्रेस को अमेरिका के राष्ट्रपति के दौरे का विरोध करने की धमकी नहीं देनी चाहिए थी.