उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ बगावत करने के बाद एकनाथ शिंदे अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए हैं. हालांकि उसके बाद भी सियासी घरमासान जारी है. शिवसेना जहां एक तरफ बागी नेताओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दाखिल की है. वहीं दूसरी तरफ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटा दिया है.
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को शिवसेना से बाहर निकाल दिया है. पत्र में उद्धव ठाकरे ने लिखा है कि “पार्टी विरोधी गतिविधियों” में शामिल रहने के चलते एकनाथ शिंदे को पार्टी से निकाला जा रहा है. उद्धव ठाकरे द्वारा हस्ताक्षर किए गए पत्र में कहा गया है, “शिवसेना पक्ष प्रमुख के रूप में मुझे मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए मैं आपको पार्टी संगठन में शिवसेना नेता के पद से हटाता हूं.
गौरतलब है कि इससे पहले एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पर दावा ठोक दिया था. मौजूदा आंकड़ों की बात की जाए तो उद्धव ठाकरे के पास कमी जबकि शिंदे खेमा में शिवसेना के विधायकों की संख्या ज्यादा है. उधर जानकारी सामने आ रही है कि विधायकों के बाद शिवसेना के सांसद भी बगावत करने का मन बना चुके हैं. भाजपा दावा कर रही है शिवसेना के 19 में से 12 लोकसभा सदस्य उनके संपर्क में हैं. जिसकी वजह से पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे सांसदों को बचाने की कोशिशों में जुट गए हैं.
शिवसेना का नहीं है सीएम
शिवसेना भवन में कल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक प्रसे कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि जिस तरह से सरकार बनी है और एक तथाकथित शिवसेना कार्यकर्ता को मुख्यमंत्री बनाया गया है, मैंने अमित शाह से यही कहा था. ये सम्मानपूर्वक किया जा सकता था. शिवसेना आधिकारिक तौर पर उस समय आपके साथ थी. यह मुख्यमंत्री(एकनाथ शिंदे) शिवसेना के नहीं हैं.
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