महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शनिवार को अपनी सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर अयोध्या पहुंचे. इस दौरान उन्होंने अपनी तरफ से एक करोड़ रुपए की राशि राम मंदिर निर्माण के ट्रस्ट को देने का फैसला किया. साथ ही सीएम उद्धव ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने प्रस्ताव रखा है कि वह अयोध्या में महाराष्ट्र भवन निर्माण कराने के लिए जमीन दें. उद्धव के साथ उनके बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे भी अयोध्या पहुंचे.
सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि पिछले एक देढ़ साल में तीसरी बार यहां आया हूं. आज मेरे साथ मेरे ‘भगवा’ परिवार के कई सदस्य मौजूद हैं. मैं बीजेपी से अलग हूं, हिंदुत्व से नहीं. बीजेपी का मतलब हिंदुत्व नहीं है. हिंदुत्व अलग और बीजेपी अलग है. उन्होंने कहा कि हमारे मराठी में एक कहावत है, ‘फुल न फुलाची पाकळी’. मैं नम्रतापूर्वक कहना चाहता हूं कि सरकार की ओर से नहीं, हमारे ट्रस्ट की ओर से एक करोड़ रुपये की राशि मैं मंदिर निर्माण के लिए घोषित करता हूं.
महाराष्ट्र भवन के लिए मांगी जमीन
उद्धव ठाकरे ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर मेरे लिए सौभाग्य की बात है. मैं बार बार अयोध्या आऊंगा. जगह मिलने पर अयोध्या में महाराष्ट्र का निर्णाण करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि आरती में शामिल होने की इच्छा थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से नहीं जा सकता. उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं पहली बार नवंबर 2018 में अयोध्या आया था और अगली बार नवंबर में ही मुख्यमंत्री बन गया. तीसरी बार मैं यहां आया हूं. उद्धव ने कहा कि ट्रस्ट का निर्माण हो गया है. बैंक खाता भी खुल चुका है. मुझे याद है कि बालासाहेब के समय महाराष्ट्र से शिलाएं भेजी गई हैं. मैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से विनती करता हूं कि महाराष्ट्र से जो राम भक्त आएंगे उनके रहने के लिए जमीन दें. हम महाराष्ट्र भवन बनाएंगे. मैं फिर आऊंगा.
विरोधी महंत को किया गया नजरबंद
इस बीच, उद्धव ठाकरे का विरोध करने वाले संत महंत और हिंदू महासभा के जिलाअध्यक्ष को नजरबंद किया गया है. हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास, हिंदू महासभा के महंत परशुराम दास भी नजरबंद हैं. तपस्वी छावनी के संत परमहंस को उनके आश्रम में नजरबंद किया गया है.
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