नई दिल्ली: शीतकालीन सत्र के पहले दिन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक दोनों सदनों में पारित किया जा चुका है. बावजूद इसके किसान आंदोलन खत्म करने का नाम नहीं ले रहे हैं. किसानों का कहना है कि एमसएपी कानून लागू होने और मृतक किसानों को मुआवजा देने के बाद ही आंदोलन खत्म किया जाएगा. इस बीच जानकारी सामने आ रही कि आंदोलन के भविष्य को लेकर बुलाई गई संयुक्त किसान मोर्चा की अहम बैठक खत्म हो गई है. इस मीटिंग के बाद सरकार के साथ बात करने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने 5 नेताओं की कमिटी बनाई है.
मृतक किसानों को मुआवजा और एमसपी को लेकर कमेटी से जुड़े लोग सरकार से बातचीत करेंगे. बैठक के बाद गठित की गई कमेटी में बलबीर राजेवाल, गुरनाम चढूनी, शिव कुमार कक्का, युद्धवीर सिंह, अशोक धवले के नाम शामिल है. जबकि संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक 7 दिसंबर को होगी.
बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने जानकारी देते हुए बताया कि 5 लोगों की कमेटी बनाई है. यह कमेटी सरकार से सभी मामलों पर बातचीत करेगी. अगली मीटिंग संयुक्त किसान मोर्चा की यहीं पर 7 तारीख को 11-12 बजे होगी. सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में हिस्सा लेने से पहले टिकैत ने कहा था कि आज की बैठक में MSP, अजय मिश्रा टेनी, किसानों पर मुकदमें और किसानों का मुआवज़ा ये सभी मुद्दे शामिल हैं. भारत सरकार जब तक चाहेगी तब तक ये आंदोलन चलता रहेगा.
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में जाने से पहले किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि 702 किसानों की मृत्यु का आंकड़ा हमने सरकार को भेज दिया है. 5 नाम जो मांगे गए थे उसपर अभी फैसला नहीं हुआ है जो कमेटी बनी है उसके क्या अधिकार है, वो कैसे काम करेगी हमें इसका पता जबतक नहीं चल जाता तबतक हम निर्णय नहीं ले सकते.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/uttarakhand-pm-modi-opposition-attack/