प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 नवंबर को प्रकाश पर्व के मौके पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर सभी को चौंका दिया था. इतना ही नहीं संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक दोनों सदनों में पारित किया जा चुका है. बावजूद इसके किसान आंदोलन खत्म करने का नाम नहीं ले रहे हैं. किसानों का कहना है कि एमसएपी कानून लागू होने और मृतक किसानों को मुआवजा देने के बाद ही आंदोलन खत्म किया जाएगा.
इस बीच जानकारी सामने आ रही है कि संयुक्त किसान मोर्चा की आज अहम बैठक होने वाली है. इस बैठक में आंदोलन के भविष्य को लेकर चर्चा की जाएगी. कानूनों की वापसी के बाद क्या किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा या फिर एमएसपी की मांग को लेकर आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा. इन तमाम मुद्दों पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी.
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता और किसान नेता राकेश टिकैत ने इस सिलसिले में जानकारी देते हुए बताया कि आज बैठक में आंदोलन आगे कैसे बढ़ेगा और सरकार बातचीत करेगी तो कैसे बातचीत करनी है, इसपर चर्चा होगी. हरियाणा में मुख्यमंत्री, अधिकारियों और किसानों की कल बात हुई, जिसमें प्रदर्शन से संबंधित मामलों को वापस लेने पर सहमति बनी परन्तु मुआवजे पर सहमति नहीं बनी.
वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर दोहराया कि एमएसपी जारी थी और आने वाले कल में भी जारी रहेगी. प्रधानमंत्री ने एमएसपी पर विचार करने और उसे प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए कमेटी बना दी है वो कमेटी आगे विचार करेगी. इस मौके पर उन्होंने किसानों से आंदोलन को खत्म करने की अपील की.
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