नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में नए नियम के मुताबिक गद्दार, घड़ियाली आंसू, जयचंद, शकुनी, भ्रष्ट, जुमलाजीवी जैसे कई शब्दों पर बैन लगा दिया गया है. यानी सदन की कार्यवाही के दौरान अब इस तरीके के शब्दों का इस्तेमाल करना असंसदीय माना जाएगा. केंद्र के इस फैसले के खिलाफ विपक्षी सांसद हंगामा कर रहे हैं.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस फैसले को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि संसद भारत की सबसे बड़ी पंचायात है. हम अगर गांधी जी, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पैरों में बैठकर, अहिंसा अपनाते हुए अगर कोई बात रखने की कोशिश करें तो क्या यह गलत है? यह सदन प्रधानमंत्री का खुद का आवास स्थल नहीं है.
असंसदीय शब्दों की नई सूची पर शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि इस देश में अगर कोई बोलता है कि कोई शब्द असंसदीय है, ये मैं मानने को तैयार नहीं. ये देश सभ्य है. इस देश की सबसे बड़ी ताकत विनम्रता है. अगर ये कोई मानने को तैयार नहीं तो उन्हें अब बताना पड़ेगा ये देश क्या है, इसका इतिहास क्या है.
ओम बिरली ने दी सफाई
फैसले के बाद बढ़ते विवाद के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जिन शब्दों को हटा दिया गया है, वे विपक्ष के साथ-साथ सत्ता में पार्टी द्वारा भी संसद में कहे और उपयोग किए गए हैं. केवल विपक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों के चयनात्मक निष्कासन के रूप में कुछ भी नहीं है. कोई शब्द प्रतिबंधित नहीं है, उन शब्दों को हटा दिया है जिन पर पहले आपत्ति की गई थी.
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