योगी आदित्यनाथ के सूबे में उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल (UPSSF) के गठन की अधिसूचना जारी कर दी गई है. एडीजी स्तर के आईपीएस को इस फोर्स का मुखिया नियुक्त किया जाएगा. विशेष परिस्थितियों में बल को बिना वारंट के तलाशी लेने और गिरफ्तारी करने का भी अधिकार दिया गया है. सरकार ने डीजीपी से इसके विधिवत गठन का रोडमैप तैयार करने को कहा है.
इस फोर्स की शक्तियां केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के समान ही होंगी. UPSSF के पास बिना वारंट के तलाशी लेने और किसी को भी गिरफ्तार का अधिकार होगा. राज्य सरकार ने रविवार को यह जानकरी दी. यूपी सरकार के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट करके यह जानकारी दी गई.
क्या करेगी सुरक्षा व्यवस्था
उत्तर प्रदेश स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (UPSSF) उत्तर प्रदेश में उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालय एवं परिसर व तीर्थस्थल, मेट्रो रेल, हवाई अड्डा, बैंक अन्य वित्तीय, शैक्षिक संस्थान, औद्योगिक संस्थान आदि की सुरक्षा व्यवस्था करेगी.
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निजी औद्योगिक प्रतिष्ठान भी निर्धारित शुल्क जमा करके UPSSF की सुरक्षा प्राप्त कर सकेंगे. विशेष परिस्थितियों में बल को बिना वारंट गिरफ्तार करने की शक्ति होगी. इन विशेष परिस्थितियों में UPSSF का कोई सदस्य किसी मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना तथा किसी वारंट के बिना ऐसे किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है. UPSSF के सदस्य हमेशा ड्यूटी पर माने जाएंगे और प्रदेश के अंदर किसी स्थान पर किसी भी समय तैनाती किए जाने के योग्य होंगे.
कितना खर्च आएगा
एडिशनल चीफ सेक्रेटरी (गृह) अवनीश अवस्थी ने कहा कि इस प्रकार 05 बटालियन के गठन पर कुल व्यय भार 1747.06 करोड़ अनुमानित है जिसमें वेतन भत्ते व अन्य व्यवस्थाएं भी सम्मिलित हैं. उन्होंने बताया कि इनके प्रथम चरण में पीएसी का सहयोग लेकर कुछ इन्फ्रास्ट्रक्चर शेयर करके इसको आगे ले जाया जाएगा. उन्होंने बताया कि UPSSF मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का ड्रीम प्रोजेक्ट होगा. इस बल के सदस्य को विशेष पॉवर नियमावली के तहत दी जाएगी.
अवस्थी ने कहा, “महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा हेतु वर्तमान में 9,919 कर्मी कार्यरत रहेंगे. विशेष सुरक्षा बल के रूप में प्रथम चरण में 5 बटालियन का गठन किया जाना प्रस्तावित है. इन बटालियनों के गठन हेतु कुल 1,913 नये पदों का सृजन किया जाएगा.”