भारत चीन सीमा विवाद पर अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने कहा है कि सीमा विवाद, फिर चाहे यह लद्दाख में हो या दक्षिण चीन सागर में, चीन की ओर से पैदा जा रहे खतरे की याद दिलाता है. दक्षिण और मध्य एशिया मामलों में निवर्तमान उप मंत्री एलिस वेल्स का यह बयान भूमि और हवा के जरिये चीनी घुसपैठ की कई घटनाओं के बाद सामने आया है.
अमेरिका ने कहा, “चीन द्वारा उकसाने और परेशान करने वाला व्यवहार यह सवाल उठाता है कि बीजिंग अपनी बढ़ती शक्ति का उपयोग कैसे करना चाहता है? “इसीलिए आपने समान विचारधारा वाले देशों की एकजुटता देखी है, चाहे वह आसियान में हो या अन्य राजनयिक समूहों जैसे कि अमेरिका, जापान और भारत के त्रिपक्षीय संबंधों के जरिये.
पिछले कुछ सप्ताहों में यह रिपोर्ट आने के बाद कि चीन गैलवान नदी के पास टेंट लगा रहा है, भारत ने सीमा से लगे क्षेत्र में सैनिकों की नए सिरे से तैनाती की. वर्ष 1962 के दौरान संघर्ष का केंद्रबिंदु रहा यह स्थान हाल के समय में फिर चीन के आक्रामक रुख का गवाह बना है. चीन यहां निर्माण गतिवधियां बढ़ा रहा है.
मालूम हो कि इस माह की शुरुआत में, भारतीय और चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में और उत्तरी सिक्किम में पैंगोंग झील के किनारे आमने-सामने आ गए थे.लद्दाख की घटना में दोनों ही पक्षों के कुछ सैनिक घायल भी हुए थे.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/former-gujarat-chief-minister-shankar-singh-vaghela-said-if-my-government-is-formed-we-will-lift-the-ban-on-alcohol/