- महिलाओं के खिलाफ अपराध में उत्तर प्रदेश सबसे आगे
- अपराधियों की कमर तोड़ने के लिए राज्य सरकार बना रही कानून
- लेकिन राज्य के अपराधियों का बढ़ता जा रहा हौसला
उत्तर प्रदेश में दो बार सरकार बनाने के बावजूद भी भाजपा को सत्ता हासिल करने के लिए 15 सालों का लंबा इंतजार करना पड़ा.
2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को हराकर दो-तिहाई बहुमत के साथ बीजेपी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर वापसी करने में कामयाब हुई.
बीजेपी को मिली कामयाबी के बाद हाईकमान को मुख्यमंत्री चुनने में काफी लंबा वक्त लगा.
लेकिन अंत में मुहर लगी मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के नाम पर उन्होंने राज्य की सत्ता संभालने के बाद दावा करते दिखे कि अब राज्य में अपराधियों की खैर नहीं.
लेकिन जैसे-जैसे दिन जा रहे हैं अपराधियों का हौसला बुलंद होता जा रहा है.
प्रदेश में बढ़ता जा रहा है कोरोना का ग्राफ
उत्तर प्रदेश की सत्ता हासिल करने में भाजपा को इसलिए कामयाबी हासिल हुई थी क्योंकि विरोधियों ने दावा किया था कि अखिलेश के राज में जंगलराज कायम हो गया है.
लेकिन राज्य की सत्ता हाथ में आने के बाद योगी भी अपराधियों की कमर तोड़ने में नाकाम नजर आ रहे हैं.
वह महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को लेकर अक्सर दावा करते हैं कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में भाजपा का कार्यकाल में कमी दर्ज की गई है.
लेकिन योगी के दावे और हकीकत में जमीन और आसमना का अंतर नजर आ रहा है.
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महिलाओं के अपराध में उत्तर प्रदेश सबसे आगे
बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट के अनुसार नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की इस साल जनवरी में आई सालाना रिपोर्ट कहती है कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है.
देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ 2018 में कुल 378,277 मामले हुए और अकेले यूपी में 59,445 मामले दर्ज किए गए. यानी देश के कुल महिलाओं के साथ किए गए अपराध का लगभग 15.8%. है
इसके अलावा प्रदेश में कुल रेप के 43,22 केस हुए. यानी हर दिन 11 से 12 रेप केस दर्ज हुए. खास बात ये है कि ये उन अपराधों पर तैयार की गई रिपोर्ट है जो थानों में दर्ज होते हैं.
लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि दर्ज मामलों से ज्यादा अपराध पुलिस स्टेशन तक पहुंच ही नहीं पाते हैं.
महिलाओं की सुरक्षा को पहले पायदान पर रखने वाले योगी आदित्यनाथ के दावे इन दिनों झूठे साबित हो रहे हैं. क्योंकि बीते कुछ दिनों से योगी के ठोंके नीति के बावजूद भी राज्य में अपराध बढ़ता जा रहा है.
हाथरस में होने वाला दलित युवती के साथ गैंग रेप का मामला कोई पहना नहीं है. इससे पहले भी कई युवतियों को आरोपी अपने हवस का शिकार बना चुके हैं.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि योगी के ‘न्यूनतम अपराध’ के दावे में कितनी सच्चाई है.
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