जम्मू के वैष्णो देवी मंदिर में बीती रात करीब 2 बजे भगदड़ मचने से 12 लोगों की मौत हो गई. जबकि 13 लोग घायल हो गए है. घायलों का कटरा के नारायणा अस्पताल में इलाज जारी है. नए साल के मौके पर यहां दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुट गई. जिसके बाद सवाल उठने लगा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में कैसे इतने लोगों की भीड़ जुट सकती है और अगर भीड़ जमा हुई थी उसके लिए इंतजाम क्यों नहीं किया गया था. हादसे के बाद जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जांच कमेटी बिठा दी है. लेकिन विपक्ष इस मामले को लेकर सवाल खड़ा कर रही है.
माता वैष्णो देवी में हुई भगदड़ को लेकर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन के दौरान हुए हादसे में कई लोगों की मौत हो गई और बड़ी संख्या में लोग बुरी तरह घायल हो गए. मीडिया के माध्यम से अब तक जो तथ्य सामने आ रहे हैं, उसमें सरकार की ज़्यादा लापरवाही नज़र आ रही है. सरकार इस पर गंभीरता से चिंतन करे.
वहीं इस मामले को लेकर गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि 12 लोगों की मौत हुई है और 13 लोग घायल हैं, घायलों का इलाज कटरा में माता वैष्णो देवी मंदिर नारायणा में चल रहा है. स्थिति को नियंत्रण में कर लिया गया है और एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी बनाई गई है.
जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इस हादसे को लेकर कहा कि मुझे लगता है कि उधर किसी तरह का भ्रम हुआ होगा जिससे कुछ प्रतिक्रिया हुई होगी. वहां मौजूद लोगों के अनुसार, कुछ क्रॉस-मूवमेंट था जिसके कारण कुछ टकराव हुआ, या कुछ बहसबाजी हुई होगी. सभी चीज़ें देखी जा रही हैं. ज़्यादातर मौतें दम घुटने और लोगों के आपस में टकराने से हुई हैं. घायलों को अस्पताल ले जाने में समय नहीं गंवाया गया. 6 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है, अन्य 4 लोग भी डिस्चार्ज के लिए तैयार हैं और अन्य 4 को कुछ और दिन अस्पताल में भर्ती रहने की आवश्यकता होगी.
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