कोरोना से मुकाबला करने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित हुए एक माह से अधिक बीत चुका है. यातायात बंद होने से सब्जियों के दाम स्थिर हैं या घटे हैं या उनमें बहुत कम इजाफा हुआ, वहीं दाल, तेल और नमक की कीमतों में वृद्धि हुई है. हालांकि, बाजार में जरूरी सामान की कीमतों में इजाफा सरकारी आंकड़े से काफी अधिक है.
उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि गेंहू, चावल, दाल, तेल, चीनी और चायपत्ती की कीमतों में वृद्धि हई है. यह तेजी लॉकडाउन की वजह से मेहनत मजदूरी करने वालों पर भारी पड़ रही है. चावल की कीमतो में सबसे अधिक वृद्धि पूर्वोत्तर में हुई है, पर दिल्ली में चने की दाल की कीमत 14 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई है.
लॉकडाउन की शुरुआत (24 मार्च) को दाल 72 रुपए प्रति किलो थी, पर 28 अप्रैल के आंकड़े बताते हैं कि कीमत 86 रुपये तक पहुंच गई है. अरहर दाल की कीमतों में भी उछाल आया है. मंत्रालय के मूल्य निगरानी प्रभाग के आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में अरहर 13 रुपये और वारंगल (तेलंगाना) में तीस रुपये प्रति किलों तक बढ़ गए हैं. मसूर की दाल के दाम दिल्ली में दस रुपये, गुरुग्राम में 20 और मुंबई में 23 रुपये प्रति किलो तक बढ़े हैं.
आवश्यक वस्तुओं की कीमतों पर नजर रखने वाले जानकार मानते हैं कि यह वृद्धि सरकारी आंकड़ो में है, ऐसे में बाजार में दाल की कीमतों में इजाफा इससे अधिक है. सरसो के तेल (पैक) में गुरुग्राम में 20 रुपये प्रति किलो की वृद्धि हुई है. करनूल में सरसो की तेल के दाम 170 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. वनस्पति तेल की कीमतों में भी गुरुग्राम में 16 रुपये और गुवाहाटी में बीस रुपये प्रति किलो तक चढ़े हैं. चीनी की कीमतों में भी दिल्ली में दो रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है. दूध की कीमत भी गुरुग्राम में 14 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ गई हैं. लॉकडाउन में आयोडाइज्ड नमक के दाम भी चार रुपये प्रतिकिलों तक बढ़ गए हैं.
इसके उलट सब्जियों की कीमतों में गिरावट हुई है. उपभोक्ता मंत्रालय के मूल्य निगरानी प्रभाग के 24 मार्च से 28 अप्रैल तक के आंकडे बताते हैं कि भोपाल को छोड़कर पूरे देश में आलू की कीमत कम हुई है. प्याज के दाम बीस रुपए प्रति किलो तक कम हुए हैं.
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