कानपुर के कुख्यात अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर से बिल्कुल पहले यानी गुरुवार देर रात को सुप्रीम कोर्ट एक जनहित याचिका दाखिल कर इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई थी. लेकिन पीआईएल पर सुनवाई हो उससे पहले ही आज पुलिस ने विकास को मौत के घाट उतार दिया. माना जा रहा है कि पुलिस की गाड़ी पलटने के बाद आरोपी फरार होने की कोशिश कर रहा था इसी दौरान पुलिस से होने वाली मुठभेड़ में उसे ढेर कर दिया गया.
विकास दुबे के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले याचिकाकर्ता घनश्याम उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा कि पुलिस द्वारा आरोपियों को मारना कानून के शासन के खिलाफ है और यह मानव अधिकार का गंभीर उल्लंघन है और यह देश के तालिबानीकरण से कम नहीं है.
इतना ही नहीं सु्प्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में उन्होंने अशंका जताई थी कि विकास की पुलिस एनकाउंटर कर देगी. उन्होंने कहा कि इसलिए विकास को पर्याप्त सुरक्षा भी मुहैया कराने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से विकास गिरफ्तार हुआ है उससे लग रहा है कि वह खुद मुठभेड़ से बचने के लिए पुलिस के सामने समर्पण किया है.
कल रात दाखिल होने वाली इस पीआईएल पर सुनवाई हो उससे पहले ही विकास पुलिस एनकाउंटर में मारा गया. खबर सामने आने के बाद बसपा सुप्रीमो भी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच कराने की मांग कर रही है.
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