मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार शपथ लेने के बाद सोमवार को पहली बार आधिकारिक रूप से एक दूसरे के साथ मीटिंग करेंगे. इसमें बारिश से बर्बाद हुई फसलों पर किसानों को राहत देने के लिए उठाए जाने वाले कदम पर चर्चा होगी.
फैसले का इंतजार, फिर बैठकों की तैयारी
सूत्रों ने बताया कि तीनों प्रमुख दलों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है. फैसले के बाद की स्थितियों पर तैयारी के लिए एक बार फिर शिवसेना, कांग्रेस-राकांपा नेता मीटिंग कर सकते हैं. माना जा रहा है कि राज्य में फ्लोर टेस्ट जल्द हो सकता है. इसलिए तीनों विपक्षी दलों ने अपने विधायकों को मुंबई से बाहर नहीं भेजा है.
ट्विटर पर चाचा-भतीजे के बीच युद्ध
रविवार को उपमुख्यमंत्री बनने के करीब 30 घंटे बाद अजित पवार ट्विटर पर सामने आए. एक के बाद एक ट्वीट कर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी समेत कई बड़े भाजपा नेताओं का शुक्रिया अदा किया. अजित ने ट्विटर पर अपना स्टेटस चेंज करते हुए उपमुख्यमंत्री लिखा. अजीत ने एक ट्वीट में कहा- मैं राकांपा में ही रहूंगा और शरद पवार ही हमारे नेता हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा-राकांपा गठबंधन महाराष्ट्र में स्थिर सरकार देगा.
हालांकि, इस ट्वीट के ठीक बाद राकांपा प्रमुख शरद पवार का एक ट्वीट आया. इसमें उन्होंने लिखा-भाजपा के साथ गठबंधन का कोई सवाल ही नहीं है. राकांपा ने एकमत से सरकार गठन के लिए शिवसेना और कांग्रेस के साथ गठबंधन का फैसला लिया है. उन्होंने आगे कहा कि अजित पवार का बयान गलत है और लोगों को भ्रमित करने वाला है. वह लोगों के बीच गलत धारणा बनाना चाहते हैं.
50 विधायकों का समर्थन: राकांपा
रविवार देर शाम राकांपा नेता नवाब मलिक ने दावा किया कि हमारे पास 50 विधायकों का समर्थन है। लेकिन 4 विधायकों को भाजपा के लोगों ने कहीं रखा हुआ है। वे चारों हमारे संपर्क में हैं और निश्चित ही हमारे पास लौट आएंगे।