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विदेश मंत्रालय के पासपोर्ट पर कमल के फूल को “राष्ट्रीय पुष्प” बताने का आधार क्या?

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हितेश चावड़ा, गांधीनगर: भारतीय पासपोर्ट पर कमल के निशान को छापने के कारण विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है. इसको देश का भगवाकरण करने का प्रयास बताया है. लोकसभा में कांग्रेस सांसद एम के राघवन ने शून्यकाल के दौरान पासपोर्ट पर कमल के फूल छपे होने को लेकर प्रश्न उठाया था. जिसके जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक पत्रकार परिषद में जवाब देते हुए कहा कि, ‘कमल के अलावा भी कई सारे चिन्ह हैं. बारी-बारी से दूसरे “राष्ट्रीय चिन्हों” का इस्तेमाल भी किया जाएगा. इनमें उन्हीं चिन्हों का इस्तेमाल होगा जो कि भारत से जुड़े हुए हैं. ICAO की गाइडलाइन्स के तहत ये बदलाव किया गया है.’ किन्तु क्या प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया के सामने सही जवाब दिया है?

गुजरात एक्सक्लुसिव के हाथों लगी जानकारी के अनुसार, कमल का फूल अभी तक किसी भी रिकॉर्ड में “राष्ट्रिय फूल” का दर्जा प्राप्त नहीं है. 10 जुलाई 2019 को राजयसभा में जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन को बताया कि, “पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओएफएफएडंसीसी) द्वारा दी गई जानकारी के अनसुार, उनकी किनांक 30 मई, 2011 की अधिसूचना संख्या 25-1/2008-डब्यूएल-। के द्वारा ‘बाघ’ और ‘मोर’ को क्रमश: राष्ट्रीय पशु तथा राष्ट्रिय पक्षी के रूप में अधिसूचित किया गया है; एवं रास्ट्रीय पुष्प’ के संबंध में पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा ऐसी कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है.” इतना ही नहीं गृह राजयमंत्री ने यूजीसी सहित अन्य संस्थानों के द्वारा कमल के फूल को राष्ट्रीय पुष्प के रूप में प्रकाशित करने को ले कर भी कहा था कि, ‘सम्बंधित संगठनों से जानकारी एकत्रित की जा रही है. जिसको सदन के पटल पर रखा जायेगा’.

दिल्ली के समरेंद्र बयूरा द्वारा दायर एक RTI के भी जवाब में पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 25 अक्टूबर 2018 को जवाब देते हुए लिखा था कि, “रिकॉर्ड में कमल को राष्ट्रिय पुष्प का दर्जा दिया गया हो ऐसा को नोटिफिकेशन उपलब्ध नहीं है.”

हालांकि सरकार द्वारा संचालित https://knowindia.gov.in/ वेबसाइट पर कमल के फूल को राष्ट्रिय पुष्प के रूप में अंकित किया गया है. साथ ही साथ यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन और नेशनल कौंसिल ऑफ़ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग के कुछ प्रकाशनों में कमल के फूल को राष्ट्रिय पुष्प के रूप में दर्ज किया गया है.

अब प्रश्न यह है कि, जब ‘राष्ट्रिय पुष्प’ का कोई ब्यौरा आधिकारिक रूप से किसी रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है तो विदेश मंत्रालय ने किस आधार पर पासपोर्ट में राष्ट्रीय निशान के रूप में अपनाया? और विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने किस आधार पर पत्रकार परिषद में कमल को राष्ठ्रीय पुष्प बताया?