नई दिल्ली: कोरोना के दैनिक मामलों में कमी दर्ज की जा रही है. लेकिन कोरोना के नए वेरिएंट का खतरा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रही है. जिसकी वजह से केंद्र और राज्य सरकारों की चिंता बढ़ गई है. लेकिन राहत की बात यह है कि अभी तक जो मरीज नए वेरिएंट की चपेट में आए हैं उनमें कोरोना के काफी हल्के लक्षण दिखाई दिए हैं. संक्रमितों के गले में खराश और जुकाम की शिकायत है. लेकिन इस बीच डब्ल्यूएचओ ने ओमीक्रॉन को लेकर नया खुलासा किया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिर से कोरोना वायरस के नए वेरिएंट को लेकर चेतावनी दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि ओमीक्रॉन वायरस टीके की प्रभावशीलता को कम करने में सक्षम है जिसकी वजह से यह तेजी से फैल रहा है. डब्ल्यूएचओ ने संभावना जताई है कि ओमीक्रॉन कोरोना वायरस जल्द ही डेल्टा वायरस से आगे निकल जाएगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रविवार को कहा कि प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार डेल्टा स्ट्रेन की तुलना में ओमीक्रॉन अधिक संक्रामक है.
नए वेरिएंट ओमीक्रॉन की चपेट में आने के बाद संक्रमित के शरीर में मौजूद टीके की प्रभावशीलता कम हो सकती है. हालांकि, इसके लक्षण बहुत कम होते हैं. यूएन एजेंसी के तकनीकी विशेषज्ञों के मुताबिक, संभावना है कि ओमीक्रॉन जल्द ही डेल्टा वेरिएंट से आगे निकल जाएगा, जहां कम्युनिटी ट्रांसमिशन बड़े पैमाने पर हुआ है.
डेल्टा संस्करण को सबसे पहले भारत में पहचाना गया था और माना जाता है कि यह दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण और मौतों के लिए जिम्मेदार है. जबकि ओमीक्रॉन का पहला मामला दक्षिण अफ्रीका में सामने आया था. इसके बाद यह तेजी से दूसरे देशों में फैल गया.
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