कोरोना संकट करीब-करीब पूरे विश्व में व्याप्त हो चुका है. हर रोज हजारों की संख्या में लोग जान गंवा रहे हैं. कई देशों में तालाबंदी की स्थिति है जिससे अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी लगातार वायरस को लेकर आगाह कर रहा है. उधर दुनिया के कई देश कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटी हुई हैं. इसी बीच डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दुनियाभर के 7 से 8 संस्थाएं कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में सबसे आगे हैं.
डब्ल्यूएचओ के चीफ टेडरोस अधनोम घेबरेयेसस ने कहा कि कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में हम सफलता हासिल करने वाले हैं. उन्होंने कहा कि सात से आठ संस्थाएं ऐसी है जो कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में सबसे आगे चल रहे हैं. इन कंपनियों के नाम का खुलासा किए बिना टेडरोस ने कहा कि कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है. दो महीने पहले तक हमारी यही सोच थी कि इस वैक्सीन को बनाने में 12 से 19 महीने का वक्त लग सकता है. लेकिन अब ऐसा नहीं लग रहा है.
उन्होंने बताया कि अब इस दिशा में त्वरित कोशिश की जा रही है. एक सप्ताह पहले 40 देशों, संगठनों और बैंकों द्वारा अनुसंधान, उपचार और परीक्षण के लिए 7.4 बिलियन यूरो (8 बिलियन डॉलर) की मदद की गई है. हालांकि उन्होंने इस पर्याप्त राशि नहीं बताया. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन की खोज के लिए 8 बिलियन डॉलर की राशि पर्याप्त नहीं होगी. हमें वैक्सीन के विकास को गति देने के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता होगी. उन्होंने कहा कि वैक्सीन जैसे ही आएगी हमें सुनिश्चित करना होगा कि यह सभी तक पहुंचे. कोई भी इससे ना छूटे.
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख ने कहा कि वैक्सीन बनाने में दुनिया भर में 100 से ज्यादा संस्थान जुटी है. लेकिन इनमें सात से आठ संस्थान सबसे आगे चल रहे हैं. हमें उम्मीद है कि ये बेहतर परिणाम ला सकते हैं. हम इनकी पर्याप्त मदद कर रहे हैं. मालूम हो कि दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के मामले 4,271,906 पहुंच गए हैं जबकि 287,613 लोगों की मौत हो चुकी है.
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