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कोरोना पर सरकार रोज क्यों नहीं कर रही प्रेस ब्रीफिंग, जनता को जानने का है अधिकार: जयराम रमेश

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देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए तालाबंदी लागू की गई है, हालांकि तालाबंदी के चौथे चरण में लोगों को राहत दी गई है जिससे एक बार फिर लोगों की भीड़ सड़कों पर देखने को मिलने लगी है. इतना ही नहीं इस बीच कोरोना तेजी से बढ़ रहा है. हर दिन पांच हजार से अधिक नए केस रिकॉर्ड किए जा रहे हैं. देश में अबतक 1,12,359 लोग कोरोना संक्रमित बताए जा रहे हैं जबकि 3,535 मरीजों की मौत हो चुकी है. कोरोना संकट के बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सरकार से 5 सवाल पूछे हैं. जयराम रमेश ने कहा है कि भारत सरकार कोरोना की इस संकट की घड़ी में रोज प्रेस ब्रीफिंस क्यों नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि महामारी के इस दौर में देश की जनता को यह जानने का अधिकार है कि देश इस समय किस स्थिति से गुजर रहा है.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर देश में जिस तरह के हालात बन चुके हैं उसके बारे में जानकारी देने के लिए हर दिन स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े किसी बड़े डॉक्टर या फिर स्वास्थ मंत्रालय के किसी बड़े चेहरे को प्रेस ब्रीफिंग करनी चाहिए. कांग्रेस नेता ने सवाल पूछते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने आखिरी बार ​प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि देश में कोरोना पीक पर नहीं पहुंचेगा. अभी ​जो स्थि​ति है उसे देखने के बाद उस दावे का क्या?

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार का कहना है कि रिकवरी की दर बढ़ रही है. ठीक है लेकिन क्या इसका कोई वैज्ञानिक अर्थ है? उन्होंने कहा कि​ रिकवरी दर अस्पताल में भर्ती होने के बाद से तय होता है लेकिन उन मामलों का क्या जिनमें मरीज अस्पताल में भर्ती ही नहीं हो पा रहा है. जयराम रमेश ने कहा कि मैं खुद पांच साल स्वास्थ्य सेवाओं की स्थायी समिति का सदस्य रह चुका हूं. उस वक्त प्रो राम गोपाल यादव उस समिति के अध्यक्ष थे. महामारी के इस दौर में स्वास्थ्य समिति को स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर से मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए.

उन्होंने कहा स्वास्थ्य मंत्री खुद एक डॉक्टर हैं इसलिए उन्हें हर दिन कोरोना से संबंधित ​ब्रीफिंग करनी चाहिए. उन्होंने इस दौरान सरकार को सुझाव देते हुए हा कि एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया को हर रोज प्रेस ब्रीफिंग करनी चाहिए और जनता के सामने देश के स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए.

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